नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। एनीमिया से जूझ रही गर्भवती महिलाओं में स्वदेशी टीके का एक डोज ही कारगर होगा। अभी तक ऐसी गंभीर मरीजों के लिए पांच से छह डोज का इंजेक्शन मौजूद था। अगर समस्या बढ़ती थी तो खून चढ़ाने की जरूरत पड़ जाती थी। अब ऐसा नहीं होगा।
नतीजे सुरक्षित और असरदार
रिपोर्ट के अनुसार Aiims ने 2013 में इस पर एक शोध शुरू किया। इसके तहत IV (इंट्रावेनस) आयरन इंजेक्शन तैयार किया। यह स्वदेशी टीका एक डोज का है। इसकी मदद से महिलाओं में आयरन की कमी पूरी हो जाती है। इस टीके को भारतीय मूल की महिलाओं में होने वाली एनीमिया की समस्या को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इसका ट्रायल भी सफल रहा। पिछले दो साल से एम्स में यह गर्भवती महिलाओं को दिया जा रहा है। इस टीके के परिणाम सुरक्षित और असरदार पाया गया।
कीमत भी कम
इस बारे में Aiims के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. कपिल यादव ने बताया कि इसकी कीमत 300 रुपये है। इससे आम महिलाओं तक इसकी पहुंच बनेगी। उन्होंने बताया कि देश में तीन फीसद महिलाओं में गंभीर एनीमिया पाया जाता है। उन्हें ब्लड चढ़ाना पड़ता है या गर्भवती महिलाओं को आयरन के पांच से छह इंजेक्शन देने पड़ते हैं। हर सप्ताह उन्हें एक इंजेक्शन लगता है लेकिन कई गर्भवती महिलाएं सभी इंजेक्शन नहीं ले पातीं। इन विदेशी फेरी कार्बाेक्सीमाल्टोज (FCM) इंजेक्शन को किडनी व कैंसर मरीजों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया था। इसकी कीमत भी ज्यादा होती है। अगले कुछ माह में यह राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत गंभीर एनीमिया से पीड़ित महिलाओं को निशुल्क सुविधा मिलेगी।