नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। अजीनोमोटो : आजकल के खानपान में अजीनोमोटो का प्रयोग आम बात होगयी है लेकिन यह हानिकारक हो सकता है क्योंकि ये एडिक्टिव प्रकृति का होता है जिससे इसकी आदत पड़ सकती है। इसके अलावा अजीनोमोटो के लगातार सेवन से शरीर में इंसुलिन बढ़ता है। यह स्वास्थ्य को भी गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।
अजीनोमोटो के साइड इफेक्ट
1 सिरदर्द
2 अधिक खाने का कारण
3 खर्राटे बढ़ाता है
4 आंत की समस्या वाले लोगों के लिए परेशानी
जानिए अजीनोमोटो को
मोनो सोडियम ग्लूटामेट (MSG) यानी अजीनोमोटो का उपयोग भोज्य पदार्थों का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग अक्सर चाइनीज या कॉन्टिनेन्टल खाना बनाने में किया जाता है। इसका इस्तेमाल कई डिब्बाबन्द फास्टफूड, सोया सॉस, टोमैटो सॉस, संरक्षित मछली जैसे सभी संरक्षित खाद्य उत्पादों में किया जाता है। यह चमकीले क्रिस्टल जैसा पदार्थ है तथा इसमें प्राकृतिक रूप से एमीनो एसिड पाया जाता है। जानकारी के मुताबिक इसे पहली बार सन् 1908 में जापान के बायोकेमिस्ट किकुनाए इकेडा के द्वारा खोजा गया था। इन्होने इसके स्वाद को उमामी के रूप में पहचाना था जिसका मतलब था सुुखद स्वाद। इसे इन्होंने समुद्री घास लमिनेरिया जपोनिका कोंबू से जलीय निष्कर्षण और क्रिस्टलीकरण पद्धति से अलग किया था। पहली बार जापानी कम्पनी ने ही बताया था कि MSG को अजीनोमोटो कहा जाता है जिसका मतलब होता है एसंस ऑफ टेस्ट (स्वाद का सार)। कम्पनी ने इसके नाम के अनुसार ही इसे इस्तेमाल किया।
अजीनोमोटो से क्या होता है?
अजीनोमोटो का मुख्य काम खाने में विशेष प्रकार का स्वाद पैदा करना होता है। इसका स्वाद मीठे, खट्टे, कड़वे और खारे से कुछ अलग होता है। इसका खुद का स्वाद अच्छा तो नहीं होता लेकिन यह अन्य स्वाद को उभारकर किसी व्यंजन के स्वाद को सम्पूर्ण बना सकता है। अमेरिका तथा यूरोप समेत कई देशों में इसे खाने के लिए सुरक्षित समझे जाने वाले चीजों में शामिल किया गया है। उनके अनुसार MSG प्राकृतिक रूप से कई चीजों में मौजूद होता है जैसे टमाटर, चीज, सोयाबीन, मशरूम इत्यादि। कुछ संवेदनशील लोगों में MSG के अधिक प्रयोग से सिरदर्द, पसीना छूटना, गले और मुँह में सुन्नपन, झुरझुरी, जी मचलाना, सांस लेने में तकलीफ, दिल की धड़कन तेज होना आदि अनुभव हो सकते हैं।
अजीनोमोटो के हानिकारक प्रभाव
बच्चों की सेहत पर प्रभाव-MSG युक्त भोजन बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर प्रतिकूल असर डालता है। कई रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि MSG युुक्त भोजन बच्चों में मोटापा बढ़ाता है।
नर्वस सिस्टम पर प्रभाव-MSG नर्व को प्रेरित कर उसमें असन्तुलन पैदा कर सकती है। इसके सेवन से अनिद्रा, अल्जाइमर, गर्दन में अकड़न, शरीर में झुनझुनी इत्यादि हो सकते हैं।
बांझपन-MSG गर्भवती महिला और पेेट में पल रहे बच्चे के भोजन आपूर्ति में बाधक बन सकता है। अतः गर्भवती महिलाओं को इसका सेेेवन नहीं करना चाहिए।
माइग्रेन-MSG के नियमित सेवन से माइग्रेन की समस्या पैैदा हो सकती है। इस बीमारी में आधे सिर में हल्का दर्द या कई बार तेज दर्द भी हो सकता है।
डिहाइड्रेशन-MSG के सेवन से शरीर में पानी की कमी हो सकती है जिससे चेहरे में सूजन या त्वचा में खिंचाव आ सकता है।
बढ़ सकता है बी पी-MSG शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ा देता है जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा रहता है।
बढ़ सकता है मोटापा-MSG का सेवन हमारे शरीर में मौजूद लेप्टिन हारमोन को प्रभावित करता है जिसके कारण वजन बढ़ सकता है।
घुटनों में दर्द-MSG पैरों की मांसपेशियों और घुटनों में दर्द पैैदा कर सकता है। यह कैल्सियम के लेवल को भी कम कर सकता है।
संक्षेप में कहें कि MSG से शरीर को किसी भी प्रकार से फायदा नहीं होता है। यह सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है। इन सबको देखते हुए इसका उपयोग करने में कितनी समझदारी है यह तय करना हमारा खुद का निर्णय होना चाहिए।