स्वस्थ भारत मीडिया
समाचार / News

मृत्यु के बाद भी इस बुजुर्ग महिला की आंखे रहेंगी जीवित…

पटना। स्वस्थ भारत मीडिया

कुछ लोग ऐसे होते हैं जो मर कर भी अमर हो जाते हैं। ऐसी ही एक महिला हैं श्रीमती सीता देवी। उन्होंने अपने जीवन-काल में ही तय  कर लिया था कि वे अपनी मृत्यु के बाद अपने शरीर का दान कर देंगी। उनके ख्वाहिश को पूरा करने में उनके पूरे परिवार का उन्हें साथ मिला।

सोचिए, किसी को आंख न हो तो जिन्दगी कितनी तकलीफदेह और अंधेरी हो जाती है। लेकिन किसी का नेत्रदान न केवल उसके जीवन में रोशनी फैला देता है बल्कि दानदाता की कीर्ति भी कायम रहती है। ऐसी ही हुआ है नंद गोला, पटना सिटी में, जहां की रहने वाली 72 वर्षीय श्रीमती सीता देवी जी की पिछले दिनों मृत्यु हो गई। लेकिन उनके साहसिक फैसले ने उनको मरकर भी अमर बना दिया है।

उनकी इच्छा का सम्मान करते उनके पुत्र अनूप कुमार और अनुज कुमार जयसवाल ने पूरे परिवार की सहमति के साथ नेत्रदान करवा कर मानवता के लिए एक बड़ा संदेश दिया है। समाजसेवी और रक्तवीर पारस जैन जी के प्रयास से च्उबी की आई बैंक की तरफ से डॉ. खालिद, डॉ. कुन्दन, ब्रजेश शर्मा और श्रवण जी ने इस नेक कार्य को अंजाम दिया। दधिची देह दान समिति ने आमजन से आह्वान किया है कि इस नेक सामाजिक मुहिम का हिस्सा बनें।

स्वस्थ भारत (न्यास) के चेयरमैन आशुतोष कुमार सिंह ने श्रीमती सीता देवी के परिवार वालों के इस समाजोपयोगी फैसले की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह मिशाल से और लोग भी देहदान के लिए प्रेरित होंगे।

Related posts

कोरोना से लड़ते गांव-देहात को सलाम

admin

कोरोना के बारे में यह जानना है बहुत जरूरी!

Ashutosh Kumar Singh

अब दवाइयों के जेनरिक नाम बड़े अक्षरों में लिखे जाएंगे: मनसुख भाई मांडविया, रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री

Leave a Comment