आशुतोष कुमार सिंह
भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए कुपोषण एक अहम समस्या के रूप में सामने आया है। इससे लड़ने के लिए सरकारें लगातार प्रयास करती रही हैं। लेकिन इसका असर बहुत कम ही दिखा है। पिछले दिनों केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने नई दिल्ली में भारत की पोषण चुनौतियों पर 5 वीं राष्ट्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में कुपोषण के संकट से निपटने के लिए मानवीय समाधान विकसित करने की आवश्यकता है और इसके लिए पोषण में निवेश के आर्थिक लाभों को उजागर और प्रचारित किया जाना चाहिए।
कुपोषण के कारण 10 बिलियन डॉलर का भारत को सालाना नुकसान
महिला और बाल विकास मंत्री ने विश्व बैंक की वैश्विक पोषण रिपोर्ट 2018 का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि भारत को कुपोषण के मामलें में वार्षिक रूप से कम से कम 10 बिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ता है। यह नुकसान उत्पादकता, बीमारी और मृत्यु से जुड़ा है और गंभीर रूप से मानव विकास तथा बाल मृत्यु दर में कमी करने में बाधक है। उन्होंने कहा कि पोषण सभी नागरिकों के जीवन के लिए एक अभ्यास है और इसे महिलाओं और बच्चों तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए।
दीनदयाल शोध संस्थान के साथ पोषण मानचित्र बना रही है सरकार
इस समस्या से उबरने के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन तथा दीनदयाल शोध संस्थान के साथ एक पोषण मानचित्र विकसित कर रहा है जिसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों की फसलों और खाद्यान्नों को दिखाया जाएगा, क्योंकि कुपोषण संकट का समाधान क्षेत्रीय फसल को प्रोत्साहित करने और प्रोटीन युक्त स्थानीय खाद्य पदार्थ को अपनाने में है।
पोषण अभियान के अनाम नायकों को मान्यता देगी सरकार
उन्होंने सुझाव दिया कि पोषण अभियान के अनाम नायकों को मान्यता देने के लिए स्वास्थ्य और पोषण मानकों पर राज्यों की रैंकिंग की प्रणाली विकसित की जा सकती है और इसके लिए नीति आयोग राज्यों के लिए ढांचा विकसित कर सकता है ताकि जिलों की रैंकिंग की जा सके। उन्होंने कहा कि रैंकिंग प्रक्रिया में नागरिकों और सिविल सोसाइटी को शामिल किया जा सकता है।
बैठक में ये रहे शामिल
भारत की पोषण चुनौतियों पर 5 वीं राष्ट्रीय परिषद में महिला और बाल विकास सचिव श्री रवीन्द्र पंवार, नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, उत्तर प्रदेश की महिला और बाल विकास मंत्री स्वाति सिंह, राजस्थान की महिला और बाल विकास मंत्री ममता भूपेश और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, कृषि, पेयजल और स्वच्छता, ग्रामीण विकास, जनजातीय मामले, पंचायती राज, उपभोक्ता मामले और खाद्य, वित्त, मानव संसाधन विकास, आवास और शहरी कार्य, सूचना और प्रसारण और पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय पोषण संस्थान, भारतीय सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, टाटा ट्रस्ट, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और विश्व बैंक के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।