आशुतोष कुमार सिंह
स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने को लेकर सरकारों पर हमेशा से दबाव रहा है। इस बावत केन्द्र सरकार ने सक्रीयता दिखाते हुए सभी राज्यों से अपील की है कि वे अपने बजट का कम से कम 8 फीसद खर्च स्वास्थ्य सेवा पर करें। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण परिषद के 13 वें सम्मेलन का उद्घाटन समारोह में बोलते हुए कहा कि सेहत के क्षेत्र में हमने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं विशेषकर भारत पोलियों मुक्त हो गया है ऐसा हमारे सामूहिक प्रयासों के कारण हुआ है।
2025 तक स्वास्थ्य मद में जीडीपी का 2.5 फीसद खर्च करने का लक्ष्य
इस अवसर पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे, डॉ. वी. के. पॉल, सदस्य (स्वास्थ्य), नीति आयोग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सचिव सुश्री प्रीति सूदन और 13 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री उपस्थित थे। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण परिषद की बैठक का उद्देश्य देश की स्वास्थ्य प्राथमिकताओं पर सहमति कायम करना है। देश की स्वास्थ्य प्राथमिकताओं में आयुष्मान भारत के माध्यम से सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज(यूएचसी), तपेदिक रोक की समाप्ति और चिकित्सा संरचना को मजबूत बनाने जैसे कार्यक्रम शामिल हैं।
सामूहिक प्रयास की जरूरत
इस अवसर पर बोलते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इन प्राथमिकताओं को राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं में खर्च बढ़ाकर सामूहिक रूप से हासिल किया जा सकता है। ताकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के 2025 तक जीडीपी के 2.5 प्रतिशत स्वास्थ्य खर्च के लक्ष्य को हासिल किया जा सके।