नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने आयुर्वेद के माध्यम से स्वास्थ्य जांच और प्रबंधन की संयुक्त राष्ट्रीय स्तर की परियोजना की घोषणा करते हुए कहा कि भारत को एक आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए हमें प्रत्येक भारतीय को रोग मुक्त बनाना होगा। इस परियोजना से 20 हजार से अधिक जनजातीय विद्यार्थियों को लाभ होगा। आयुष मंत्रालय ने CCRAS के माध्यम से जनजातीय कार्य मंत्रालय और ICMR-NIRTH, जबलपुर की संयुक्त पहल से जनजातीय विद्यार्थियों के लिए यह स्वास्थ्य पहल की है।
10-18 आयु के छात्र कवर होंगे
आयुष मंत्री ने कहा कि दोनों मंत्रालय जनजातीय आबादी की स्वास्थ्य आवश्यकताओं का अध्ययन करने तथा आयुर्वेद के माध्यम से कुपोषण, आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया और सिकल सेल रोगों जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को पूरा करने में सहयोग करेंगे। आयुर्वेद के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं पहले से ही प्रचलित और प्रभावी हैं। इस परियोजना का लक्ष्य 14 राज्यों में चिन्हित 55 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS) में छठी से 12वीं कक्षा में नामांकित 10-18 वर्ष आयु वर्ग के विद्यार्थियों को कवर करना है।
विकसित होगी स्वस्थ जीवन शैली
इस अवसर पर जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि इससे एकलव्य विद्यार्थियों के बीच बीमारियों की प्रधानता और स्वास्थ्य प्रबंधन की पहचान करने में सहायता मिलेगी। इससे आयुर्वेद के सिद्धांत के अनुसार बच्चों में स्वस्थ जीवन शैली प्रथाओं को विकसित करने में मदद मिलेगी, जिससे बीमारियों की रोकथाम पर जोर देने के साथ उनके स्वास्थ्य और समग्र कल्याण में सुधार और सुरक्षा की जा सके। हम आज अपने बच्चों को स्वस्थ बनाकर विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त कर रहे हैं।