अजय वर्मा
नयी दिल्ली। कैंसर उपचार पर सिद्धू के बयान से मचे घमासान का केंद्रबिंदु आयुर्वेद, घरेलू नुस्खों और फार्मा उद्योग की मुनाफाखोरी का भी है। अगर सभी कैंसर रोगी डाइट से ही ठीक होने लगे तो महंगी दवा और अस्पतालों की मोटी कमाई प्रभावित होगी इसलिए सारी आपत्तियां उसी खेमे से आ रही है। इसमें फार्मा लॉबी के हाथ होने की भी भरपूर संभावना है क्योंकि तब उनकी दवाओं का क्या होगा। आयुर्वेद तो अभी दुबका पड़ा है।
बात आयुर्वेद से कैंसर के इलाज की
दिल्ली सरकार में आयुर्वेद के डॉ. आर. पी. पराशर बताते हैं कि आयुर्वेदिक पद्धति से कई खतरनाक बीमारियों को भी काबू में किया जा सकता है। आयुर्वेद में शरीर और मन का संतुलन सही करना होता है। इसमें आहार, हर्बल औषधियां, व्यायाम और ध्यान के जरिए मरीज का इलाज किया जाता है। अगर कोई व्यक्ति सही समय, सही तरीके से आयुर्वेद में शामिल चीजों का सेवन करता है तो इससे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी को भी काबू में किया जा सकता है। यही राय दिल्ली में आयुर्वेद के डॉ. और योग गुरु भारत भूषण की भी है। वे बताते हैं कि सदियों से आयुर्वेद से कई खतरनाक बीमारियों का इलाज किया जा रहा है। यह कैंसर जैसी बीमारी को भी काबू में कर सकता है लेकिन इसके लिए जरूरी है कि सही समय पर और सही जीवनशैली का भी पालन करें।
एक आपबीती पर भी डालें नजर
पत्रकार और युगांडा मैं बैंकर रह चुके अंचल सिन्हा की नजर में घरेलू नुस्खों से कैंसर को मात देने के लिए मैडम सिद्धू को सलाम करना बनता है। फार्मा लॉबी इसीलिए उनके पीछे पड़ी है। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए लिखा कि आमतौर पर पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर नहीं होता, पर मुझे हुआ 2019 में। स्टेज 3 के आगे चल रहे कैंसर का ऑपरेशन हुआ। तब डॉक्टरों ने तुरंत कीमो कराने के लिए खूब दबाव बनाया पर मैंने साफ मना कर दिया। तब डॉक्टरों ने कहा कि कीमो नहीं कराने पर मुश्किल से 3-4 साल जी सकते हैं। पर मैंने कीमो नहीं कराया। होमियोपैथी की एक दो दवा लेता रहा। आज 5 बरस बीत गए हैं और मैं लगभग आराम से जी रहा हूं। इसलिए मेरी राय यही है कि अगर दुर्भाग्य से कोई इस बीमारी से संघर्ष कर रहा हो तो देसी दवा की ओर बढ़े और अपना विल पावर मजबूत रखे।
देखें-https://www.swasthbharat.in/clash-in-medical-world-over-sidhus-statement-on-cancer/