नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने केन्द्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (CCRAS) के कामकाज की समीक्षा करने के बाद कहा कि इसे वैष्विक स्वास्थ्य अनुसंधान में नया आयाम जोड़ने की क्षमता है। मालूम हो कि परिषद को बैस्ट इंस्टीट्यूशन फॉर रिसर्च इन द फील्ड ऑफ एजिंग के लिए 2019 में राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिल चुका है।
वैज्ञानिक अनुसंधान में अग्रणी निकाय
श्री कोटेचा यहां का दौरा करने आये थे। CCRAS आयुष मंत्रालय का एक स्वायत्तशासी निकाय है। यह आयुर्वेद में वैज्ञानिक तर्ज पर सूत्रीकरण, समन्वय, विकास और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए भारत का एक शीर्ष निकाय है। परिषद को आयुर्वेदिक विज्ञान के क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान में अग्रणी निकाय माना जाता है।
बेहतर काम के लिए मिली बधाई
सचिव ने परिषद के वैज्ञानिकों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उन्हें बधाई दी और उल्लेख किया कि मुझे यह जानकर बहुत खुशी हो रही है कि CCRAS वैज्ञानिक गतिविधियों के माध्यम से आयुर्वेद के लाभों को नागरिकों तक पहुंचाने के अपने प्रयासों में सफल रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्माण परियोजनाओं और अन्य बुनियादी ढांचा विकास संबंधी कार्यों जैसे लंबित मामलों में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस मौके पर अस्पतालों और प्रयोगशालाओं की मान्यता के मामले में महानिदेशक ने सचिव को अवगत कराया कि इसकी तीन प्रयोगशालाओं को NABL मान्यता मिल चुकी है और 14 संस्थानों ने NABH मान्यता के लिए आवेदन किया हुआ है।
बाहरी संस्थानों के साथ भी सहयोग
CCRAS के महानिदेशक प्रोफेसर रबीनारायण आचार्य ने सचिव कोटेचा को वर्तमान वैज्ञानिक गतिविधियों और प्रमुख परियोजनाओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा-परिषद ने अमेरिका, ब्रिटेन, लातविया और जर्मनी के प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ सहयोग किया है। उन्होंने आगे कहा-हमने ICMR, ICAR, CSIR, IIT, BHU और अन्य शीर्ष भारतीय संस्थानों के साथ महत्वपूर्ण सहयोग भी विकसित किया है।