नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। कोविड वैक्सीन के दुष्प्रभाव को लेकर डॉक्टरों के समूह ने सरकार से सभी वैक्सीन की वैज्ञानिक जांच कराकर उसके साइड इफेक्ट की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग ही है। यह समूह अवेकन इंडिया मूवमेंट (AIM) से संबंधित डॉक्टरों का है। डॉक्टरों ने भारत सरकार से यह भी कहा है कि सभी कोविड-19 टीकों के पीछे के विज्ञान का पुनर्मूल्यांकन करने और वैक्सीन से संबंधित प्रतिकूल घटनाओं की कठोर निगरानी सुनिश्चित की जाए।
नहीं हुई टीकों की प्रभावी जांच
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार संगठन के डॉ. तरुण कोठारी ने सरकार के दृष्टिकोण की आलोचना की और कहा कि उसने हमेशा
टीकाकरण के बाद दुखद मौतों की बढ़ती संख्या को नजरअंदाज किया और कोविड टीकों को प्रभावी वैज्ञानिक जांच और महामारी विज्ञान को लागू किए बिना ‘सुरक्षित’ के रूप में प्रचारित करना जारी रखा। डॉक्टरों ने चिंता व्यक्त की कि जनता को तीसरे चरण के परीक्षण डेटा के बिना वैसीन के लिए प्रेरित किया गया।
मासिक गड़बड़ी की भी शिकायत
स्त्री रोग विशेषज्ञ और ऑन्कोलॉजिस्ट सुजाता मित्तल ने कहा कि कई महिलाओं ने टीके के दुष्प्रभाव के रूप में मासिक धर्म संबंधी अनियमितताओं की सूचना दी। बाद की स्टडी में इस तथ्य की पुष्टि भी हुई। डॉ. कोठारी ने खुलासा किया कि AIM 2021 में वैक्सीन रोलआउट शुरू होने के बाद से वैक्सीन से संबंधित मौतों का दस्तावेजीकरण और रिपोर्टिंग कर रहा है।