नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। पंचायती राज मंत्रालय ने आजादी का अमृत महोत्सव को मनाने के लिए आइकॉनिक सप्ताह समारोह के हिस्से के रूप में स्वच्छ एवं हरित गांव और पर्याप्त जलयुक्त गांव को लेकर एसडीजी के स्थानीयकरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। इसका उद्घाटन श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल, केन्द्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री ने किया।
मानसिकता में बदलाव लाना होगा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें अपने खास सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी), जिसे हमने नौ विषयों के रूप में अपनाया और शुरू किया है, को प्राप्त करने के लिए सोच और मानसिकता में सकारात्मक बदलाव लाना होगा। हमें लोगों के जीवन में बदलाव लाने और ग्रामीण भारत को बदलने के लिए जमीनी स्तर पर प्रतिक्रिया देने की जरूरत है। श्री पाटिल पंचायती राज मंत्रालय द्वारा आयोजित एसडीजी के स्थानीयकरण पर सम्मेलन में देश भर से आए पंचायत प्रतिनिधियों की सभा को संबोधित करते हुए कही।
सतत विकास का लक्ष्य महत्वपूर्ण
उन्होंने आगे बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने 2000 में सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों की शुरुआत की थी, उसके बाद सतत विकास लक्ष्य अस्तित्व में आए। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर हम अपनी जीवन शैली में सुधार लाना चाहते हैं, तो हमें एसडीजी लक्ष्य निर्धारित करने होंगे और एसडीजी को साकार करने के लिए काम करना होगा क्योंकि सभी सतत विकास लक्ष्य महत्वपूर्ण हैं। उन्होंनेे महात्मा गांधी के साफ और स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने के लिए पंचायतों का आह्वान किया। श्री पाटिल ने लोगों से स्वच्छता अभियान में भाग लेने और समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी की भावना के साथ स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाने की अपील की।
हरित गांव पर बल
आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए आइकॉनिक वीक समारोह के छठे दिन पंचायती राज मंत्रालय ने सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) के स्थानीयकरण पर राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें व्यापक सतत विकास लक्ष्यों के साथ स्वच्छ और हरित गांव और पर्याप्त जलयुक्त गांव पर ध्यान केंद्रित किया गया। सम्मेलन का उद्घाटन केन्द्रीय राज्य मंत्री ने श्री सुनील कुमार, सचिव, पंचायती राज मंत्रालय, श्रीमती विनी महाजन, सचिव, पेयजल और स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, डॉ. चंद्रशेखर कुमार, अपर सचिव, एमओपीआर और श्रीमती रेखा यादव, संयुक्त सचिव, एमओपीआर की उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलित कर किया।