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दिन बहुरेंगे दरभंगा के तीन तालाबों के, लौटेगी भव्यता

अजय वर्मा

पटना। दरभंगा के बीचोबीच स्थित तीन तालाबों-हराही, दिग्घी और गंगासागर को अतिक्रमण और प्रदूषणमुक्त करने का निर्देश नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिया है। देश भर में जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने और नदियों को जोड़ने की मुहिम के बीच यह निर्देश महत्वपूर्ण है। ये तीनों तालाब 7-8 सौ साल पुराने बताये जाते हैं।

टीम ने जांची तालाबों की स्थिति

इस बारे में तालाब बचाओ अभियान के नारायणजी चौधरी ने पिछले साल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक जनहित याचिका (केस न. 155/2022/E नवम्बर 2022 में दायर की थी। इन तालाबों की वस्तु-स्थिति जानने के लिए कोर्ट ने 8 दिसंबर को एक पांच सदस्यीय समिति गठन करने का आदेश दिया जिसमें जिलाधिकारी, दरभंगा नगर आयुक्त, डी.आर.एम. रेलवे, समस्तीपुर, वरिष्ठ वैज्ञानिक, बिहार स्टेट पॉल्यूशन कण्ट्रोल बोर्ड और बिहार वेस्टलैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के वरिष्ठ प्रतिनिधि को शामिल किया।

लागू करने को बनी कमेटी

इस पांच सदस्यीय समिति के रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने इन तीनों तालाबों के पुरानी भव्यता को पुनः बहाल करने के लिए 23 मार्च को आदेश दिए हैं, जिसके तहत सभी अतिक्रमण को हटाने, रेलवे और नगर निगम के नाला से गिरने वाले गंदा पानी को रोकने एवं इनके चारों तरफ किनारे को ठीक कर घास एवं पेड़-पौधा लगाकर घूमने-फिरने और मनोरंजन स्थल के रूप में विकसित करने का आदेश हैं। इसे लागू करने एवं समय-समय निरीक्षण करने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव, पर्यावरण विभाग, बिहार सरकार की अध्यक्षता में दरभंगा के डीएम, दरभंगा नगर आयुक्त, डी.आर.एम. रेलवे और बिहार स्टेट पॉल्यूशन कण्ट्रोल बोर्ड के सदस्य की  एक समिति को जिम्मेदारी दी गई है।

64 में दरभंगा में थे 300 से अधिक तालाब

नारायणजी चौधरी कहते हैं कि दरभंगा की पहचान पोखर, पान और मखान को लेकर है। यहां कभी हर पग पर पोखर थे। अभी भी बड़ी संख्या में यहां तालाब दिख जायेंगे। 1964 के गजेटियर के हिसाब से दरभंगा शहर में ही 300 से अधिक तालाब हुआ करते थे। 1989 में प्रो. एसएच बज्मी ने शहर के तालाबों का सर्वेक्षण किया था और उन्होंने 213 तालाबों का जिक्र किया था। मगर 2016 में वहां के नगर निगम ने जानकारी दी कि शहर में सिर्फ 84 तालाब बचे हैं। इन सबका नतीजा हुआ कि शहर का भूजल तेजी से घटने लगा।

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