साल भर पहले हुआ था होमियोपैथिक बोर्ड के लिए चुनाव, अभी तक बोर्ड का नहीं हुआ गठन
नई दिल्ली/ आशुतोष कुमार सिंह
कहने को तो दिल्ली की केजरीवाल सरकार दिल्ली वालों की सेहत का खूब ख्याल रख रही है। लेकिन जब दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट को हमने खंगाला तो अनेक खामिया नज़र आई। सबसे पहले तो यह पता चला कि आयुष विभाग के अंतर्गत चलने वाला बोर्ड ऑफ होमियोपैथिक सिस्टम ऑफ मेडिसिन का पुनर्गठन विगत कई वर्षों से नहीं हुआ है। यदि वेबसाइट की माने तो बेवसाइट पर दी हुई जानकारी के अनुसार 23.09.2009 तक स्टेट रजिस्टर ऑफ होमियोपैथिक पैक्टिसनर्स की सूचि में कुल 3951 चिकित्सक रजिस्टर्ड थे। 2009 से लेकर 2019 आने को है यह सूची सरकारी वेबसाइट पर अपडेट नहीं हुई है। सूत्रो की माने तो फिलहाल 6 हजार से ज्यादा होमियोपैथिक चिकित्सक दिल्ली में प्रैक्टिस कर रहे हैं।
इस बोर्ड का गठन दिल्ली होमियोपैथिक एक्ट 1956 के अंतर्गत होता आया है। लेकिन पिछले 2018 के अगस्त में हुए चुनाव के बाद अभी तक बोर्ड का गठन नहीं हो पाया है। अभी तक इस बोर्ड का चेयरमैन कौन है किसी को पता नहीं है। दिवंगत डॉ. का नाम भी
दिवंगत डॉक्टर का नाम अभी भी फाइलों में जीवित

दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर अभी भी बोर्ड के पुराने सदस्यों का नाम अंकित है। चेयरमैन के रूप में डॉ. के.के.जुनेजा, वाइस चेयरमैन डॉ. आदित्य कौशिक एवं सदस्य के रूप में डॉ. आर.के.सहोता, डॉ. आर.सी.अग्रवाल, डॉ. लाल सिंह, डॉ. मान सिंह, डॉ. अनिल कुमारी, डॉ. नरेन्द्र नाथ एवं एक मनोनित सदस्य सुरेन्द्र वर्मा (सेवा निवृत) के नाम अंकित हैं। कमाल की बात यह है कि डॉ. अनिल कुमारी को रिटायर हुए भी कई वर्ष गुजर गए लेकिन उनका नाम सरकारी वेबसाइट की शोभा बढा रहा है और इससे भी दुर्भाग्य की बात यह है कि डॉ. लाल सिंह अब इस दुनिया में नहीं है फिर भी उनका नाम इस सूची में दर्शाया जा रहा है।
बोर्ड के गठन नहीं होने का मतलब यह है कि होमियोपैथी से जुड़ी हुई कोई भी प्रशासनिक कार्रवाई इस सरकार में ठप पड़ी है। इस बावत डॉ. के.के. जुनेजा से हमने बात करने की कोशिश की उन्होंने इस विषय पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया। वहीं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने फोन तक उठाना मुनासिब नहीं समझा।
बोर्ड का गठन जल्द करने की मांग
दिल्ली के वरिष्ठ होमियोपैथिक चिकित्कस डॉ. पंकज अग्रवाल ने कहा कि यह स्थिति ठीक नहीं है। सरकार को बोर्ड का गठन जल्द करना चाहिए ताकि इससे जुड़े हुए सारे काम सुचारू रूप से शुरू हो सके।
गौरतलब है कि दिल्ली में चल रहे 200 से ज्यादा होमियोपैथिक डिंसपेंसरी से लेकर होमियोपैथी से जुड़ी तमाम प्रशासनिक कामों को अंतिम रुप देने का काम इस बोर्ड का है। सरकार की लेटलतिफी के कारण आज होमियोपैथी से संबंधित कोई भी काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
स्वस्थ भारत (न्यास) ने भी की बोर्ड गठन की मांग
दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य देने का भरोसा देने वाली सरकार यदि ऐसा करेगी तो दिल्ली की जनता किस पर विश्वास करेगी! इस बावत स्वस्थ भारत (न्यास) के ट्रस्टी धीप्रज्ञ द्विवेदी ने बताया कि दिल्ली के लोगों को स्वास्थ्य देने का भरोसा देने वाली केजरीवाल सरकार को इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि किसी के सेहत के साथ खिलवाड़ न हो सके।