नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। अब पानी की कोई भी बोतल नहीं चलेगी। कॉमर्स एवं इंडस्ट्री मंत्रालय एक नया नियम लागू करने जा रही है कि पानी की बोतलों को ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) का सर्टिफिकेट हासिल करना होगा। बिना इसके किसी भी कंपनी को बोतल बेचने का अधिकार नहीं होगा।
आयातित बोतलें होगी प्रभावित
रिपोर्ट के मुताबिक अभी देश में ज्यादातर कंपनियां कॉपर, स्टेनलेस और एल्युमिनियम की पानी की बोतलों का आयात कर रही हैं। BIS से जुड़ा यह नियम लागू हो जाने के बाद अब इन्हें देश में ही इसका उत्पादन करना होगा। ICICI की रिपोर्ट के अनुसार इस फैसले से बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचेगा। मंत्रालय ने कंपनियों को BIS सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए 24 जून तक का समय दिया है। इसके बाद कई सारे बोतल ब्रांड रिटेल और ईकॉमर्स इंडस्ट्री से गायब हो सकते हैं।
नहीं तो लगेगी भारी चपत
रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल सेलो (CELLO), मिल्टन (MILTON) और प्रेस्टीज (PRESTIGE) समेत ज्यादातर बड़े खिलाड़ी पानी की बोतलों के आयात पर ही निर्भर हैं। भारत में कॉपर, स्टेनलेस और एल्युमिनियम की पानी की बोतलों का उत्पादन न के बराबर है। अब नया नियम लागू हो जाने के बाद या तो कंपनियों को ज्यादा इंपोर्ट ड्यूटी चुकाने के लिए तैयार हो जाना चाहिए या फिर उन्हें देश में ही ऐसी बोतलों का उत्पादन करना होगा।
छोटी कंपनियां भी होंगी प्रभावित
हालांकि मंत्रालय ने पिछले साल ही यह फैसला ले लिया था जिसे 6 महीने में लागू किया जाना था। मगर अब इसे जून, 2024 में लागू किया जा रहा है। बड़ी कंपनियों ने फिलहाल इस मामले में चुप्पी साधी हुई है। मगर छोटी कंपनियों ने आशंका जताई है कि उन पर नए नियमों का बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा। यह कंपनियां बाजार में लगभग 30 फीसद की हिस्सेदार हैं।