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कटे हाथ को जोड़ने में डॉक्टरों को मिली सफलता

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में 21 वर्षीय एमबीबीएस छात्र के बीच से कटे दाहिने हाथ (अपर लिंब) की रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी करके जोड़ा गया। उसका दाहिना ऊपरी हाथ लगभग पूरी तरह से अलग हो चुका था। बेहद गंभीर हालत में उसे मेदांता की इमरजेंसी में लाया गया था जहां उसकी तत्काल रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी (आरटीए-मल्टीपल सर्जरीज के साथ स्यूडार्थ्राेसिस री-सर्जरी और बोन ग्राफ्टिंग) की गई। लगभग नौ घंटे चली इस सर्जरी में न केवल युवक का बाजू जोड़ा गया बल्कि उसकी मसल्स, नर्व और हड्डी की भी रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी की गई।

एक नर्व से लटक रहा था हाथ

खबरों के मुताबिक सप्ताह भर पहले एक भीषण हादसे में एक युवक की मौत हो गई थी और दूसरा सौरभ कुंडू (21) गंभीर रूप से घायल हो गया था। सौरभ को जब मेदांता लाया गया तो उसका दाहिना हाथ केवल एक नर्व से लटक रहा था। उसके दाएं हाथ की ह्यूमरस मिड शॉफ्ट टूट गई थी। इसके अलावा ब्रेकियल आर्टरी, मीडियल नर्व और रेडियल नर्व, मस्कुलोक्यूटिनियस नर्व, क्यूटेनियस नर्व पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी। साथ ही उसे फैंसी मैक्सिलरी इंजरी भी थी।

9 घंटे चली सर्जरी

हाथ पर मल्टीपल इंजरी और न्यूरोवस्कुलर डैमेज की वजह से ऐसे में प्लास्टिक सर्जरी के कंसल्टेंट डॉ. वैभव खन्ना ने तुरंत रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी (RTA) करने का निर्णय लिया। अगले दिन रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी के लिए ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया। पूरे नौ घंटे तक लंबी सर्जरी चली, जिसमें एनेस्थीसिया की टीम ने सभी नर्वाेवेस्कुलर स्ट्रक्चर और सॉफ्ट टिश्यूज को रिकंस्ट्रक्ट किया। वहीं वैस्कुलराइजेशन के लिए सीने से मासपेशी का एक फ्लैप ट्रांसप्लांट कर हाथ की मसल्स को रिपेयर किया गया। टूटी हुई ह्यूमर को जोड़ने के लिए आर्थाेपेडिक टीम ने इंटरनल बोन फिक्सेशन करने का निर्णय लिया।

10 दिन में रिकवरी पर मरीज भी खुश

डॉ. वैभव ने बताया कि मरीज के हाथों में ऑपरेशन के बाद से ही मूवमेंट आने लगा था। अब दाहिना हाथ अच्छी तरह से रिकवर कर रहा है और वैस्कुलराइज्ड और स्टेबल हो गया है। उसमें मूवमेंट भी आ गया है। इतने जटिल प्रोसेस के बाद सौरभ अपनी रिकवरी और अपर लिंब के वैस्कुलराइजेशन, मूवमेंट और सेंसेशन के वापस आने से बेहद खुश है।

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