नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। अमेरिका की पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (EPA) ने मेथिलीन क्लोराइड के उपयोग को प्रंतिबंधित कर दिया है। इसमें हानिकारक तत्व पाए गए हैं जिनके संपर्क को वैज्ञानिकों ने कैंसर के खतरे का कारण पाया गया है। हाल ही कुछ देश ने भारतीय मसालों को इसलिए लेने से मना कर दिया था कि इसमें मेथिलीन क्लोराइड के अंश हैं। इसे पेंट स्ट्रिपर उत्पादों के रूप में कई देशों में इस्तेमाल किया जा रहा है। अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि इससे लिवर कैंसर और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा हो सकता है।
उत्तराखंड की सभी आयुर्वेद कंपनियों पर प्रशासन की सख्ती
पतंजलि आयुर्वेद के बाद अब उत्तराखंड में स्थापित सभी आयुर्वेद कंपनियों की दवा की गुणवत्ता जांच की जाएगी। जांच में आयुर्वेद फार्मेसी कंपनियों लाइसेंस के अनुरूप दवाइयों के निर्माण और गुणवत्ता को परखा जाएगा। राज्य गठन के बाद से अब तक उत्तराखंड में आयुर्वेद दवाइयां बनाने वाली 353 कंपनियां स्थापित हैं। सबसे ज्यादा हरिद्वार में 216 कंपनियां हैं।
स्लीप थेरेपी के उपकरण में हुआ सुधार
डच हेल्थकेयर कंपनी फिलिप्स (Philips) नेे भारत में अपने दोषपूर्ण स्लीप थेरेपी उपकरणों में सुधार पूरा कर लिया है। अब उसका दावा है कि उनके निरंतर उपयोग से सेहत को कोई ज्यादा नुकसान हाने के आसार नहीं है। बाई-लेवल पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (बाईपैप) मशीनों के कुछ मॉडलों से सांस लेने में दिक्कत और स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो गया था। स्लीप एपनिया के इलाज के लिए बाईपैप और कंटिन्युअस पॉजिटिव एयरवेज प्रेशर (सीपैप) उपचार वाले उपकरणों का उपयोग किया जाता है। स्लीप एपनिया नींद का ऐसा गंभीर विकार है, जिसमें सांस बार-बार रुकती और चलती है।