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रिकॉर्ड बनाया ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा ने, अब तक तीन करोड़ परामर्श

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। भारत ने अपनी ई-हेल्थ यात्रा में एक उपलब्धि प्राप्त की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा ने 3 करोड़ टेली-परामर्श की संख्या को पार कर लिया है। इसके साथ ही ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन ने एक दिन में 1.7 लाख परामर्श पूरा करके एक नया रिकॉर्ड भी बनाया है।

24 घंटे की सुविधा

जानकारी के मुताबिक कुछ राज्यों में यह सेवा पूरे हफ्ते जारी रहती है तो कुछ में चौबीसों घंटे लोगों को इसकी सेवा दी जा रही है। कोविड-19 महामारी के दौरान टेलीमेडिसिन सेवा ने अपना काफी योगदान दिया है। इसने अस्पतालों पर भार को कम करने के साथ ही मरीजों को डॉक्टरों से डिजिटल माध्यम से दूर रहकर परामर्श प्राप्त करने में सहायता की है। इससे लाभार्थियों के घरों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाकर गांव और शहर के बीच के अंतर को पाटने में सहायता मिली है।

देश में अनूठी पहल

ई-संजीवनी, किसी भी देश की अपनी तरह की पहली टेलीमेडिसिन पहल है। इसके दो प्रकार हैंः
1. ई-संजीवनी आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी): केंद्र की आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र योजना के तहत एक डॉक्टर से दूसरे डॉक्टर के बीच टेलीमेडिसिन सेवा ग्रामीण क्षेत्रों और अलग-थलग समुदायों में सामान्य और विशिष्ट स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए है। एक डॉक्टर से दूसरे डॉक्टर के बीच टेलीमेडिसिन एक हब और स्पोक मॉडल पर आधारित है। सूचना प्रौद्योगिकी की क्षमता का लाभ उठाकर अधिकतम संख्या में नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के एक दृष्टिकोण से ‘ई-संजीवनी एबी-एचडब्ल्यूसी‘ को लागू किया गया था। वर्तमान में ‘ई-संजीवनी एचडब्ल्यूसी लगभग 50,000 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में संचालित है।
2. ई-संजीवनी ओपीडी: यह एक रोगी से डॉक्टर के बीच टेलीमेडिसिन सेवा है, जो लोगों को अपने घरों में ही रहकर आउट पेशेंट सेवाएं (ओपीडी) प्राप्त करने में सक्षम बनाती है। देश के सभी हिस्सों के नागरिकों ने ‘ई-संजीवनी ओपीडी‘ को तेजी से और व्यापक रूप से अपनाया है। यह एंड्रॉइड और आईओएस आधारित स्मार्टफोन, दोनों के लिए एक मोबाइल ऐप के रूप में उपलब्ध है और इसे 30 लाख से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है। ई-संजीवनी एबी-एचडब्ल्यूसी पोर्टल के जरिए सेवा प्रदान की गई है। वहीं, 73,77,779 ने ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम से लाभ उठाया है। राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा पर लाभार्थियों की सेवा के लिए एक लाख से अधिक डॉक्टरों और विशेषज्ञों आदि को जोड़ा गया है। यह आयुष्मान भारत योजना के उद्देश्य को और अधिक मजबूती प्रदान करता है।

स्वास्थ्य डेटा की पहुंच बनेगी

अब ई-संजीवनी ओपीडी, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (आभा) को बनाने में भी सक्षम है, जो आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के अनुरूप लाभार्थी की सहमति से इसमें हिस्सा लेने वाले स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और लाभार्थियों के साथ स्वास्थ्य डेटा की पहुंच और इसे साझा करने की सुविधा प्रदान करेगा। यह ‘मेक इन इंडिया‘ पहल का एक उदाहरण है।

रक्षा मंत्रालय भी प्रेरित

राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा की सफलता और देश में टेलीमेडिसिन को तेजी से अपनाने को देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने सुरक्षा कर्मियों के लिए एक टेलीमेडिसिन पोर्टल ‘सेहतओपीडी’ सेवा ई-हेल्थ टेलीपरामर्श और सहायता शुरू की है। यह विशेष रूप से रक्षाकर्मियों और उनके आश्रितों की सेवा कर रही है। जल्द ही इसे भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) के साथ एकीकृत किया जाएगा, जिससे पूर्व सैनिकों और उनके परिवार के सदस्यों को टेली-परामर्श का लाभ आसानी से मिल सके।

दस राज्य अग्रणी

देश में 10 राज्य ई-संजीवनी को अपनाने के मामले में अग्रणी हैं। ये राज्य हैं: आंध्र प्रदेश (13147461), कर्नाटक (4424407), पश्चिम बंगाल (2987386), तमिलनाडु (1856861), उत्तर प्रदेश (1758053), बिहार (1002399), महाराष्ट्र (930725), मध्य प्रदेश (781262), गुजरात (753775) और असम (477821)।

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