नई दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। 2019 से कोरोना वायरस का नया म्यूटेंट साल में कम से कम दो बार आ रहा है और आम लोग चिंतित हो जाते हैं। अब XE नाम के नये वैरिएंट के दस्तक देने की खबर है और ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट बीए.2 की तुलना में अधिक तेजी से फैलने वाला जा रहा है।
चौथी लहर की बात
इस खबर के बाद से चौथी लहर आने की बात कही जा रही है। लेकिन टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसाइटी ने इसे नए म्यूटेंट को लेकर लोगों से नहीं घबराने की बात कही है। संस्थान ने इसके विकास पर बारीकी से नजर रखने को भी कहा है।
गंभीरता के बदले सतर्क रहें
विशेषज्ञ कहते हैं कि नए वैरिएंट आने से गंभीर होने की जरूरत नहीं है। केवल सतर्क रहना होगा। TIGS के निदेशक राकेश मिश्रा ने कहा है कि नया म्यूटेंट XE पहली बार मध्य जनवरी उभरा, लेकिन ‘पैनिक बटन’ को धक्का देने की कोई आवश्यकता नहीं है। दुनिया भर में इससे जुड़े अब तक केवल 600 मामले सामने आए हैं, लेकिन हमें इस पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है।
अधिक संक्रामक : WHO
उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि ब्रिटेन में पहली बार मिला ओमिक्रॉन का नया स्वरूप कोरोना वायरस के पिछले स्वरूपों की तुलना में अधिक संक्रामक प्रतीत होता है। उसने अपने नवीनतम अपडेट में कहा कि एक्स ई रीकांबिनेंट (बीए.1-बीए.2) नाम के नए ओमिक्रॉन स्वरूप का पहली बार ब्रिटेन में 19 जनवरी को पता चला था और तब से इसके 600 से अधिक मामलों की पुष्टि हुई है। इसने कहा कि ओमिक्रॉन का यह नया स्वरूप कोरोना वायरस के पिछले स्वरूपों की तुलना में अधिक संक्रामक प्रतीत होता है जो दुनिया के लिए चिंता का विषय है।
अगली लहर की ताकत नहीं इसमें
उधर डॉ. मिश्रा ने आगे कहा कि ऐसा कोई संकेत नहीं है कि यह कोविड-19 की अगली लहर पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस समय ऐसा कोई संकेत मौजूद नहीं है कि यह नया संस्करण इतना मजबूत है कि यह नई लहर को जन्म दे सकता है। हमें इस पर टिप्पणी करने के लिए कुछ और समय इंतजार करना होगा कि यह फैलने में कितना समय ले सकता है।
सुरक्षा उपाय बेहद जरूरी
डॉ. मिश्रा ने इस बात पर भी जोर दिया कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी सुरक्षा उपाय करना बेहद अहम है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि समाज का एक निश्चित वर्ग यह घोषणा करने के लिए उत्सुक है कि महामारी खत्म हो गई है। लोगों को मास्क का उपयोग करके, नियमों के अनुसार टीके लगाने और जहां कहीं भी अनुमति हो, वहां बूस्टर लगाने और भीड़-भाड़ वाले स्थानों में अनावश्यक जाने से बचना चाहिए। खासतौर पर बंद स्थानों में।