नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। मेडिसिन के क्षेत्र में 20वीं सदी की महान खोज ORS के जनक डाॅ. दिलीप महलानवीस को भारत सरकार ने 74वें गणतंत्र दिवस पर पद्म विभूषण (मरणोपरांत) से सम्मनित किया है। उनका निधन पिछले साल ही हो गया था। ORS केवल एक घोल नहीं, लाइफ सेविंग सॉल्यूशन साबित हुई। उनको 2002 में यूनिवर्सिटी ऑफ कोलंबिया ऐंड कॉरनेल में पोलिन पुरस्कार और 2006 में थाईलैंड सरकार ने उन्हें प्रिंस महिडोल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
लाखों की बचायी थी जान
वे वैसे तो child specialist थे लेकिन 1971 में युद्ध के चलते करीब 1 करोड़ लोग जान बचाकर बंगाल के सीमावर्ती जिलों में आ गए थे। उसी वक्त बोनगांव स्थित रिफ्यूजी कैंप में हैजा की महामारी फैल गई थी और जरूरी दवा का स्टॉक भी खत्म हो गया था। तब डॉ. महालनोबिस ने कैंप में ORS भिजवाए। इसके चलते रिफ्यूजी कैंप में मरीजों की मृत्युदर 30 से घटकर 3 फीसद तक हो गई।
ORT पर 1966 से प्रयास
डॉ. महलानवीस ने 1966 में जनस्वास्थ्य में कदम रखने के साथ ओरल रीहाइड्रेशन थेरपी (ORT) पर काम करना शुरू किया था। उन्होंने डॉक्टर डेविड आर नलिन और रिचर्ड ए कैश के साथ कोलकाता के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी इंटरनैशनल सेंटर फॉर मेडिसिन रिसर्च ऐंड ट्रेनिंग में इसे लेकर रिसर्च की थी। इसी टीम ने ORS बनाया। ICMR-NICED के डायरेक्टर शांता दत्त ने ORS को एक महान खोज बताया था। बाद में इसे वैश्विक रूप से स्वीकार्यता मिली। उन्होंने कोलकाता स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ को अपनी एक करोड़ की सेविंग दान भी की थी।