नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। गगनयान टेस्ट व्हीकल स्पेस फ्लाइट यानी गगनयानष् टेस्ट व्हीकल डेवेलपमेंट फ्लाइट (टीवी-डी1) का प्रक्षेपण इस महीने की 21 तारीख को निर्धारित है। यह जानकारी केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने दी। वे यहां चंद्रयान मिशन से जुड़े इसरो वैज्ञानिकों के एक अभिनंदन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
ऐसे बना है कार्यक्रम
उन्होंने कहा कि इसरो क्रू एस्केप सिस्टम के प्रभाव का भी परीक्षण करेगा जो गगनयान मिशन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके परिणामस्वरूप 2024 तक बाहरी अंतरिक्ष में मानव रहित और मानवयुक्त मिशन होंगे। परीक्षण श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में आयोजित किया जाना है। क्रू मॉड्यूल गगनयान मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को बाहरी अंतरिक्ष में ले जाएगा। परीक्षण में बाहरी अंतरिक्ष में एक क्रू मॉड्यूल लॉन्च करना और इसे पृथ्वी पर वापस लाना और बंगाल की खाड़ी में टचडाउन के बाद इसे पुनर्प्राप्त करना शामिल है। भारतीय नौसेना के कर्मियों ने मॉड्यूल को पुनर्प्राप्त करने के लिए पहले ही मॉक ऑपरेशन प्रारंभ कर दिया है।
नींव पड़ेगी मानवयुक्त मिशन की
उन्होंने बताया कि इस परीक्षण की सफलता पहले मानवरहित गगनयान मिशन और अंततः पृथ्वी की निचली कक्षा में बाहरी अंतरिक्ष के लिए मानवयुक्त मिशन के लिए मंच तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि अंतिम मानवयुक्त ष्गगनयानष् मिशन से पहले अगले वर्ष एक परीक्षण उड़ान होगी जो महिला रोबोट अंतरिक्ष यात्री व्योममित्र ले जाएगी। गगनयान परियोजना में मानव चालक दल को 400 किमी की कक्षा में लॉन्च करके और भारतीय समुद्री जल में उतरकर पृथ्वी पर सुरक्षित रूप से वापस लाकर मानव अंतरिक्ष यान क्षमता का प्रदर्शन करने की परिकल्पना की गई है। गगनयान मिशन के लिए आवश्यक शर्तों में चालक दल को अंतरिक्ष में सुरक्षित रूप से ले जाने के लिए मानव रेटेड लॉन्च वाहन सहित अनेक महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों का विकास, अंतरिक्ष में चालक दल को पृथ्वी जैसा वातावरण प्रदान करने के लिए जीवन समर्थन प्रणाली, चालक दल के आपातकालीन बचाव के प्रावधान तथा चालक दल के प्रशिक्षण, पुनर्प्राप्ति और पुनर्वास के लिए चालक दल प्रबंधन पहलुओं को विकसित करना शामिल है।