नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए झारखंड की सरकार ने 2016 में 6 जिलों में 10 हजार से अधिक पोषण सखी की न्यून मानदेय पर बहाली की थी जिसे अब निकाल दिया गया है। इस मसले को चतरा के सांसद सुनील कुमार सिंह ने लोकसभा में उठाकर पुनः इनकी बहाली की मांग की है।
Umbrella ICDS के तहत हुई थी बहाली
केंद्र सरकार की योजना Umbrella ICDS के तहत झारखंड के 6 जिलों में 10388 पोषण सखी की बहाली हुई थी। ये जिले हैं धनबाद, गिरीडीह, दुमका, गोड्डा, कोडरमा और चतरा। मानदेय तय हुआ 100 रुपये प्रतिदिन यानी 3000 रुपये महीना। इनकी सहायता से बच्चों में कुपोषण की स्थिति में कमी देखी गई। यहां तक कि कोरोनाकाल में इनका काम सराहनीय रहा। लेकिन राज्य सरकार ने अप्रैल से इनका काम छीनकर बेरोजगार कर दिया है। जो न्यून मानदेय था, उसका भी समय पर भुगतान नहीं होता रहा।
स्मृति इरानी को भी पत्र
नियम 377 के तहत लोकसभा में मामला उठाकर सांसद ने पुनः इन सबकी बहाली की मांग की है। इनका कुछ महीनों का मानदेय भी लंबित है सो इसके भुगतान का भी उन्होंने जिक्र किया। सांसद ने इसे बारे में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी को भी पत्र लिखा है और उनकी नौकरी स्थायी करने की मांग की है।