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हाइपरटेंशन का पूर्व संकेत हो सकती है अनुवांशिक भिन्नता

नयी दिल्ली।  IIT मद्रास के शोधकर्ताओं ने अपने एक ताजा अध्ययन में उच्च रक्तचाप के पीछे जिम्मेदार अनुवांशिक भिन्नता का पता लगाया है। खोज में यह तथ्य सामने आया है कि मैट्रिक्समटालोप्रोटीनेज (MMPS) नामक एक जीन के ‘डीएनए बिल्डिंग ब्लॉक’ में बदलाव से लोगों में उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ सकता है। इस निष्कर्ष तक पहुँचने के क्रम में अध्ययनकर्ताओं ने उच्च रक्तचाप से पीड़ित रोगियों और सामान्य रक्तचाप वाले स्वस्थ लोगों के अनुवांशिक प्रोफाइल का गहन अध्ययन और विश्लेषण किया है।

अतिरिक्त कोलेजन से खतरा

उच्च रक्तचाप के कारण रक्त नलिकाओं की दीवार और धमनियां, दीवारों पर अत्यधिक कोलेजन जमा होने के कारण सख्त हो जाती हैं। कोलेजन शरीर में पैदा होने वाले प्रोटीन का सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला प्रकार है। सामान्यतः मैट्रिक्स मटालो प्रोटीनेज 8 (MMP 8) नामक एंजाइम अतिरिक्त कोलेजन को खंडित कर उसका संचयन रोकने का काम करता है। फिर भी, कई बार एंजाइम के ठीक ढंग से काम नहीं करने या उसमें असंतुलन की स्थिति में अतिरिक्त कोलेजन बिना टूटे धमनियों की दीवार से जा चिपकता है।

सबसे अधिक मौत बाधित रक्तप्रवाह से

IIT मद्रास के जैव-प्रौद्योगिकी विभाग में प्रोफेसर और इस अध्ययन के नेतृत्वकर्ता डॉ. नीतीश महापात्र बताते हैं-उच्च रक्तचाप के अनुवांशिककारण का निर्धारण अपने आपमें एक जटिल विषय है और इसमें अनेक जीन की भूमिका होती है। हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप भारत में सबसे अधिक रोगों और मौतों का एक प्रमुख कारण है। अनुमानतःसालाना लगभग 16 लाख लोग इस्केमिक यानि बाधित रक्तप्रवाह जन्य ह्रदय रोगों और उसके द्वारा आये स्ट्रोक्स से अपनी जान गंवा देते हैं।‘’

अन्य गंभीर बीमारियों का भी खतरा

पूर्व के अध्ययनों में भी रक्त में एमएमपी 8 की मात्रा में बदलाव को अनेक ह्रदय रोगों से परस्पर सम्बद्ध होने की बात कही गयी है। एमएमपी 8 एंजाइम से जुडी असमान्यताओं और हाइपरटेंशन तथा गुर्दे की गंभीर बीमारियों में भी परस्पर संबंध देखा गया है। शोधकर्ताओं ने अपने नए अध्ययन में MMP 8 जीन में बदलाव और एंजाइम की मात्रा में परिवर्तन के बीच परस्पर संबंध को स्थापित किया है।

1432 रोगियों पर अध्ययन

अध्ययन टीम ने चेन्नई के मद्रास मेडिकल मिशन (MMM) हॉस्पिटल और चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) हॉस्पिटल में उच्च रक्तचाप पीड़ित 1432 रोगियों और 1133 स्वस्थ्य वालंटियर्स को शोध के लिए चयनित किया। शोधकर्ताओं ने उनसे प्राप्त डीएनए सैम्पल्स को संवर्द्धित कर जीन के एक निकाले हुए हिस्से का क्लोन बनाकर प्रायोगिक जीवित कोशिकाओं में स्थानांतरित कर दिया।

जड़ में डीएनए में अनुवांशिक भिन्नता

शोधकर्ताओं को सैम्पल्स में विशिष्ट अनुवांशिक विविधताएं (MMP 8, HAP 3 जीनोटाइप) मिलीं जिसके परिणामस्वरूप रक्त में MMP 8 का स्तर कम हो गया था। इस आधार पर शोध टीम इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि जिन लोगों के डीएनए में यह विशिष्ट अनुवांशिक भिन्नता पाई जाती है, उनकी धमनियों में कोलेजन जमा होने की संभावना बढ़ जाती है और इसके परिणामस्वरूप उनमे उच्च रक्तचाप तथा अन्य ह्रदय रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है। इस शोध के निष्कर्ष जर्नल ऑफ हाइपरटेंशन में प्रकाशित किये गए हैं।

इंडिया साइंस वायर से साभार

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