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बहाल हुए हरियाणा के निष्कासित एनएचएम कर्मी

हरियाणा के डॉ. विनय गुप्ता ने खटखटाया था कोर्ट का दरवाजा

पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायलय ने सिविल अस्पताल कैथल के डेंटल सर्जन डॉ. विनय गुप्ता के केस में एक अहम फैसला सुनाते हुए प्रदेश के निकाले गए एन.एच.एम (नेशनल हेल्थ मिशन) कर्मियों को बड़ी राहत दी है। न्यायालय ने कहा है की 31 मार्च 2016 तक के लिए सभी कर्मचारियों को नौकरी पर वापस लिया जाए।
गौरतलब है की एन.एच.एम हेड क्वार्टर पंचकुला ने एन.एच.एम में बड़े स्तर पर छंटनी की थी। जिसके विरूद्ध डॉ. विनय गुप्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर स्टे ले लिया था। इसी केस का उदाहरण देकर हरियाणा प्रदेश के विभिन्न जिलों से 100 के करीब केस हाई कोर्ट में दायर हुए और सबको स्टे मिल गया था। 17 फरवरी को हुई सुनवाई में जस्टिस दीपक सिब्बल की बेंच ने यह आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील के साथ-साथ डायरेक्टर फाइनेंस एंड एकाउंट्स हरियाणा भी न्यायालय में मौजूद थे।
punjab high court डॉ. विनय गुप्ता ने बताया कि यह एक अहम और संतोषजनक  फैसला है जिस से हरियाणा प्रदेश के कई निष्कासित कर्मचारियों को लाभ होगा। उन्होंने कहा की अगर जरुरत पड़ी तो वे सुप्रीम कोर्ट भी जायेंगे। अभी हाई कोर्ट ने 31 मार्च 2016 तक का फैसला दिया है। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यही बड़ी बात है निष्कासित कर्मचारियों को सिस्टम में पुनः काम करने का मौका मिला है। वित्त वर्ष 2016 –17 के लिए कोर्ट ने भारत सरकार के फैसले का इंतज़ार किया है। अगर भारत सरकार हरियाणा में एन.एच.एम चलाती रहेगी तो कर्मचारियों को यथावत रहेंगे। वहीं दूसरी तरफ इस जीत पर स्वस्थ भारत अभियान के राष्ट्रीय संयोजक आशुतोष कुमार सिंह ने डॉ. विनय  गुप्ता व उनकी टीम  को बधाई प्रेषित किया है।

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