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पीएचसी से एनएमसी तक किताब को सराहा उड़ीसा के राज्यपाल ने

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नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। उड़ीसा के राज्यपाल माननीय हरि बाबू कंभंपति ने स्वस्थ भारत न्यास के चेयरमैन आशुतोष कुमार सिंह की क्वालिटी हेल्थकेयर पर लिखित किताब ‘डॉ. जे. एल. मीना पीएचसी से एनएमसी तक’ की प्रशंसा की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि यह पुस्तक संतुलित और सप्रमाण है जो स्वस्थ भारत के निर्माण के लक्ष्य में सहायक है। मुझे उम्मीद है कि यह किताब बाकी लोगों को भी प्रेरित कर सकेगी।

पीएचसी से एनएमसी तक स्वास्थ्योपनिषद समान

मालूम हो कि इस किताब का लोकापर्ण 25 दिसंबर को दिल्ली में हुआ था। हिंदी के साथ—साथ अंग्रेजी में भी यह पुस्तक प्रकाशित हुई है। पुस्तक के लेखक आशुतोष कुमार सिंह ने पत्र मिलने के बाद कहा है कि मेरे लिए यह आनन्द का विषय है। इस स्नेह, प्यार एवं आशीर्वचन से अभिभूत हूं। गौरतलब है कि पुस्तक का विमोचन पद्मभूषण राम बहादुर राय ने किया था। उन्होंने कहा था कि हमारे यहां प्राचीन काल से ही ज्ञान के भंडार उपनिषदों की चर्चा होती आयी है। उसमें से एक है प्रश्नोपनिषद। इसी तर्ज पर लेखक आशुतोष कुमार सिंह ने डॉ. जे एल मीना से बातचीत कर स्वास्थ्य से जुड़े तमाम पक्षों को समझने की कोशिश की है। इस किताब को मैं स्वास्थ्योपनिषद कहना चाहता हूं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे और भी लोगों पर इस तरह की पुस्तक आनी चाहिए। श्री राय ने इस पुस्तक को हिंदी में अपनी तरह की पहली पुस्तक बताया और कहा कि कोरोना काल के बाद स्वास्थ्य को लेकर सजगता आयी है और जनअभियान बनता जा रहा है। यह पुस्तक उसी दिशा में एक मजबूत कदम है। मरीजों की चिंता करने वाले कई डॉक्टर समाज में हैं और उनको लेकर भी पुस्तकें आनी चाहिए।

क्वालिटी कल्चर बनेगा सख्त नियमों से

समारोह में मुख्य अतिथि और प्रवासी लेखक डॉ. तेजेन्द्र शर्मा ने कहा कि स्वास्थ्य में क्वालिटी कल्चर डेवेलप करने के लिए सरकार को पहले सख्त नियम बनाने होंगे। उन्होंने स्वस्थ राजनीतिक व्यवस्था बनाने पर भी जोर दिया, इस संदर्भ में उन्होंने ब्रिटेन के हेल्थ सिस्टम की भी चर्चा की। भारतीय विश्वविद्यालय संघ के संयुक्त सचिव डॉ. आलोक कुमार मिश्र ने कहा कि यह किताब स्वास्थ्य इकोसिस्टम में क्वालिटी को समझने में मदद करती है। वल्लभ भाई पटेल चेस्ट इंस्टीच्युट के निदेशक प्रो. राजकुमार ने कहा कि मरीज को सहजता से जल्द हेल्थकेयर मिलना बहुत जरूरी है। अगर डाइट, रहन-सहन, एक्सरसाइज पर फोकस हो तो 80 से 90 फीसद रोग को काबू किया जा सकता है। एनएबीएल के निदेशक डॉ. पंकज जौहरी ने क्वालिटी हेल्थकेयर में डॉ. जे.एल.मीना के योगदान को रेखांकित कहा कि वे क्वालिटी मैन ऑफ इंडिया है। उनका कहना था कि क्लिनिकल क्वालिटी के साथ-साथ डायग्नोसिस क्वालिटी पर भी फोकस किए जाने की जरूरत है, क्योंकि ज्यादातर क्लिनकल फैसले डायग्नोस्टिक रिपोर्ट के आधार पर ही लिए जाते है। डॉ. जे. एल. मीना ने कहा कि क्वालिटी केयर को लेकर इस किताब का आना सपना जैसा है। उन्होंने कहा कि खुद के लिए आप जैसी उच्च गुणवत्ता वाली सुविधा चाहते हैं, वैसी सुविधा आपको भी अपने कार्यक्षेत्र में देना चाहिए।

संघर्ष से निकला हेल्थ के प्रति जुनून

अपनी बात करते हुए पुस्तक के लेखक आशुतोष कुमार सिंह ने कहा कि संघर्ष से निकलकर ही मुझे भी स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने का जुनून चढ़ा। यही संघर्ष डॉ. मीना का भी रहा और उसे उजागर करने के मकसद से ही इस किताब को तैयार करने की ओर बढ़ने का इरादा बना। विषय प्रवेश करते हुए धीप्रज्ञ द्विवेदी ने हेल्थ के गुजरात मॉडल की चर्चा की और पीएचसी स्तर से ही क्वालिटी पर ध्यान दिए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डॉक्टर की उपलब्धि रहे, कम कीमत पर सटीक जांच और दवा मिले, यहीं से क्वालिटी केयर आरंभ हो जाता है। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत शांभवी प्रकाशन के प्रकाशक और पत्रकार संजीव कुमार ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन आशुतोष कुमार सिंह ने किया। गणतंत्र दिवस के पूर्व संध्या पर आयोजित इस आयोजन का शुभारंभ प्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका श्रीमती सुमीता दत्ता के सरस्वती वंदना से हुई। मंच संचालन वरिष्ठ गीतकार व प्रस्तोता मनोज सिंह भावुक ने किया।

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