नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। दीपावली और छठ के बाद हर साल दिल्ली प्रदूषण के कोहराम से जूझती है लेकिन इस साल तो हेल्थ इमरजेंसी जैसी स्थिति आ गयी है। केंद्रीय वायु गुणवत्ता आयोग (CQM) ने राष्ट्रीय राजधानी में डीजल से चलने वाले हल्के वाहनों के संचालन व प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा बच्चों के स्कूलों को 8 नवंबर तक बंद कर ऑनलाइन क्लास चलाने को कहा गया है। प्रदूषण जनित बीमारियों से अस्पतालों में भीड़ लगने लगी है।
कई कठोर कदम की घोषणा
सीएक्यूएम ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि केंद्रीय पैनल ने स्वच्छ ईधन पर नहीं चलने वाले सभी उद्योगों को बंद करने का फैसला लिया है। केंद्रीय पैनल ने इलेक्ट्रिक या सीएनजी पर नहीं चलने वाले ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश पर भी रोक लगा दी है। हालांकि आवश्यक वस्तुएं लाने वाले ट्रकों को इससे छूट दी गई है। पैनल ने गैर-आपातकालीन गतिविधियों, वाहनों के लिए ऑड-ईवन स्कीम पर निर्णय केंद्र व राज्य सरकारों पर छोड़ दिया है।
निर्माण कार्यों पर पाबंदी
इसके अलावा NCR में उद्योगों पर पाबंदी लगा दी गयी है। जहां पीएनजी ईंधन की सुविधा नहीं है और सरकार द्वारा अधिकृत सूची से बाहर के ईंधन का उपयोग किया जा रहा है तो रोक लगेगी। हालांकि दूध व डेयरी उत्पादों और मेडिकल उपकरणों से जुड़े उद्योगों को छूट दी जाएगी। निर्माण व विध्वंस गतिविधियों पर भी रोक लगी है। सरकार चाहे तो केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को घरों से काम करने की छूट दे सकती है।
दिल्ली में 500 पार कर गया AQI
राजधानी में सांसों पर संकट गहराने के साथ बृहस्पतिवार शाम सात बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 पार करते हुए खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया। दमघोंटू हवा के कारण लोगों ने सांस लेने में तकलीफ के साथ गले और आंखों में जलन महसूस की। CQM ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का चौथा चरण लागू कराने का निर्णय लिया है। संबंधित राज्य सरकारें प्रदूषण नियंत्रण के लिए पाबंदियों को सख्ती से लागू करेंगी।