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28 अप्रैल से भोपाल में लगेगा स्वास्थ्य संसद

स्वास्थ्य संसद के सभापति होंगे प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश, उपसभापति पूर्व डीजीपी एस.के.राउत
अमृतकाल में भारत के स्वास्थ्य एवं मीडिया की भूमिका विषय पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ करेंगे अमृत-मंथन

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। स्वास्थ्य संसद के सभापति माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्याय के कुलपति एवं वरिष्ठ संचारकर्मी प्रो.के.जी. सुरेश को बनाया गया है जबकि उपसभापति का दायित्व मध्यप्रदेश के पूर्व डीजीपी एस.के.राउत को मिला है। श्री सुरेश जहां स्वास्थ्य संचार में एक स्थापित नाम है, वहीं 1974 बैच के आइ.पी.एस. अधिकारी एस.के.राउत 2008-12 तक मध्यप्रदेश के डीजीपी रह चुके हैं।

अमृतकाल में भारत के हेल्थ सेक्टर पर होगा मंथन

इस बावत मीडिया से बात करते हुए आयोजकों ने बताया कि दोनों वरिष्ठों के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में 28 अप्रैल से तीन दिवसीय स्वास्थ्य संसद का आयोजन होगा। ‘अमृतकाल में भारत का स्वास्थ्य और मीडिया की भूमिका’ विषय पर तीन दिनों तक अमृत मंथन चलेगा। अमृत-मंथन से निकले सार को देश के स्वास्थ्य संबंधित नीति-निर्धारकों के साथ साझा किया जाएगा। उक्त जानकारी स्वास्थ्य संसद के संयोजक व स्वस्थ भारत (न्यास) के चेयरमैन आशुतोष कुमार सिंह ने दी।

एक अनूठी पहल स्वास्थ्य संसद : आशुतोष

स्वास्थ्य एडवोकेसी के क्षेत्र में ‘स्वास्थ्य संसद’ अपने आप में एक अनूठी पहल है। इस पहल के बारे में श्री सिंह ने कहा कि, ‘आज के समय में जब स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण विषय बन चुका है, किसी भी क्षेत्र के विकास का प्रथम मानक बन चुका है। ऐसे में स्वास्थ्य विषयों पर पब्लिक फोरम में चर्चा होना बहुत जरूरी है। इससे एक ओर तमाम हितधारकों को एक प्लेटफॉर्म पर लाने में आसानी होगी, वहीं दूसरी ओर अमृतकाल में भारत के स्वास्थ्य विषय पर एक समग्र दृष्टि भी विकसित होगी। गौरतलब है कि स्वस्थ भारत (न्यास) स्वास्थ्य एडवोकेसी के क्षेत्र में विगत 8 वर्षों से लगातार काम कर रहा है।

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