नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। 2024 के दूसरे महीने फरवरी में आजादी के बाद पहला मौका आया जब हेल्थ सेक्टर में एक दिन में पांच एम्स राष्ट्र को समर्पित किया गया। ये हैं गुजरात के राजकोट, पजांब के बठिंडा, उत्तर प्रदेश के रायबरेली, पश्चिम बंगाल के कल्याणी और आंध्र प्रदेश के मंगलागिरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी को इसके अलावा 23 राज्यों में 11,700 करोड़ से अधिक की विभिन्न स्वास्थ्य परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इन पांच एम्स का बजट 6315. 23 करोड़ है। इसके अतिरिक्त दो नये मेडिकल कॉलेज पूर्णिया (बिहार) और नंदुरबार (महाराष्ट्र), दो नर्सिंग कॉलेज दुमका, कोडरमा (झारखंड) और 6 अनुसंधान प्रयोगशालाओं की यूनिट का भी प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया।
देखें-https://www.swasthbharat.in/historic-five-aiims-dedicated-to-the-nation-in-one-day/
कालाजार पर लगभग नियंत्रण
मलेरिया के बाद दूसरी जानलेवा बीमारी कालाजार पर भारत ने लगभग काबू कर लिया है। 2023 में दस हजार की आबादी पर एक से कम मामले दर्ज हुए हैं यानी 589 रोगी मिले तो 2022 में 891 मिले थे। यह डाटा राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम का है। रिपोर्ट के अनुसार कालाजार उन्मूलन का लक्ष्य 2010 था। बाद में इसे बढ़ाकर 2015, 2017 और 2020 किया गया। अगले तीन साल तक भारत को यही स्थिति बनाकर रखनी होगी तब WHO भारत को कालाजार मुक्त घोषित कर सकेगा। सरकार ने उसे सभी डाटा भेज दिया है।
देखें-https://www.swasthbharat.in/achievement-india-comes-closer-to-eradicating-kala-azar/
असमान ब्लड ग्रुप फिर भी ऑर्गन ट्रांसप्लांट
आम तौर पर ऑर्गन ट्रांसप्लांट मरीज और डोनर के समान ब्लड ग्रुप होने पर होता है। समान ब्लड ग्रुप न मिलने से कई बार मरीजों की जान भी चली जाती है। लेकिन दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने बिना ब्लड ग्रुप मैच हुए ही किडनी ट्रांसप्लांट करने का कारनामा कर दिखाया है। ऐसा ट्रांसप्लांट पहली बार हुआ है। इस मामले में वहां किडनी की बीमारी से पीड़ित 43 वर्षीय पति को पत्नी ने किडनी दान की। वह लंबे समय से किडनी की बीमारी से पीड़ित था और उसकी डायलिसिस चल रही थी। उसकी जान बचाने के लिए किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत थी लेकिन उसका ब्लड ग्रुप B पॉजिटिव था और पत्नी का ब्लड ग्रुप AB पॉजिटिव। ऑपरेशन के बाद सारे पैरामीटर्स ठीक काम करने लगे।
देखें-https://www.swasthbharat.in/blood-group-not-found-yet-kidney-transplant-successful/
टेली मानस के साथ किरण हेल्पलाइन का विलय
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने मानसिक स्वास्थ्य पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला के मौके पर किरण मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास हेल्पलाइन के टेलीमानस के साथ विलय की घोषणा की। किरण हेल्पलाइन ने सितम्बर 2020 में राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन टेली-मानस के साथ सवा लाख से अधिक कॉल करने वालों को सेवा प्रदान की है। इस विलय से बोझ कम होगा और संबंधित व्यक्तियों तक आसानी से पहुंचने में मदद मिलेगी।
देखें-https://www-swasthbharat-in/merger-of-kiran-mental-health-rehabilitation-helpline-with-tele-manas/
(जारी)