नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। पुणे में दहशत फैलाने वाले वायरस गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) ने राजस्थान में भी दस्तक दे दी है। जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में भी तीन मरीजों में इस वायरस की पुष्टि हुई है। वैसे डॉक्टरों का कहनाा है कि ये पुरानी बीमारी है। गदंगी के कारण ही इसके केस बढ़ते हैं।
अस्वच्छ खानपान से संक्रमण
यहां के सीनियर प्रोफेसर डॉ. दिनेश खंडेलवाल ने मीडिया को बताया कि अस्वच्छ खानपान, बाजार में खुले में मिलने वाली चाट-पकौड़ी, पानीपुरी, ठंडी चटनी, पानी आदि इस वायरस के फैलने की आशंका ज्यादा है। उनके मुताबिक इससे प्रभावित मरीज में बनने वाली एंटीबॉडी ही शरीर की दुश्मन बन जाती है। ये बैक्टिरिया किसी भी तरह (खाना, पानी या सांस) ह्यूमन बॉडी में प्रवेश करता है। इससे लड़ने के लिए हमारा शरीर एंटीबॉडी बनाता है। खास बात ये है कि इन बैक्टिरिया के मॉलिक्यूल्स ऐसे होते है वो इंसान के शरीर के नर्व से बिल्कुल मिलते-जुलते होते हैं।
कैसे करें बचाव
इस संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए भोजन के उचित रखरखाव का ध्यान रखना होगा। एक्सपर्ट बताते हैं कि भोजन करने से पहले साफ-सफाई का ध्यान रखें। खाना पूरी तरह पकाकर खाएं। कच्चे फूड्स का सेवन करने से परहेज करें। अपाश्चुरीकृत दूध और डेयरी उत्पादों का सेवन करने से परहेज करें, क्योंकि इस संक्रमण का लिंक कैम्पिलोबैक्टर जेजूनी बैक्टीरिया से हैं। भोजन को उचित तरीके से पकाएं। हाथों को बार बार वॉश करें। पोल्ट्री और डेयरी उत्पादों को छूने से पहले और बाद में हाथों को साबुन और पानी से ठीक से वॉश करें। इस तरह बैक्टीरिया को फैलने से रोका जा सकता है।