स्वस्थ भारत मीडिया
समाचार / News

HIV की दवा कोरोनाजनित रोगों को रोकने में कारगर

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। HIV की दवा कोरोना वायरस से होने वाली बीमारियों को रोकने में कारगर है। एक शोध में यह पता चला है। वह दवा है कोबिसिस्टैट जिसका उपयोग आम तौर पर एचआईवी-रोधी दवाओं के प्रभाव को बढ़ाने के लिए किया जाता है। जर्नल एंटीवायरल रिसर्च में प्रकाशित शोध में शोधकर्ताओं ने जांच की कि क्या सार्स-कोविड के चिंता के प्रमुख वेरिएंट (VOC) और मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस (MERSCOV) सहित अन्य कोरोनोवायरस के खिलाफ कोबिसिस्टैट के एंटी-सार्स-कोविड गुणों को बनाए रखा गया था।

एक इंजेक्शन, हाई BP से 6 माह आराम

वैज्ञानिकों ने एक ऐसी दवा इजाद की है जिससे 6 महीने तक हाई ब्लड प्रेशर की छुट्टी हो जाएगी। यह दवा इंजेक्शन है जिसे 6 महीने में एक बार लगाना पड़ेगा। इस दवा का नाम है-जिलेबेसिरन (zilebesiran)। यह दवा शरीर को इस काबिल बनाती है कि लिवर एक केमिकल एंजियोटेंसिन (angiotensin) का उत्पादन को रोक सके। रिसर्च में जिलबेसिरन इंजेक्शन का प्रभाव 394 लोगों पर परखा गया। इन लोगों का सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 135 से 160 के बीच रहता था। इन लोगों को प्रत्येक 6 महीने पर 150 एमजी से लेकर 600 एमजी तक का इंजेक्शन दिया गया। 6 महीने के बाद परीक्षण में देखा गया कि उनमें नाटकीय रूप से ब्लड प्रेशर कंट्रोल हो गया।

उक्रेन से लौटे छात्र उज्बेकिस्तान गये

उज्बेकिस्तान की समरकंद यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने वाले भारतीय मेडिकल छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ी है। 93 साल पुराने इस विश्वविद्यालय में 2021 तक भारतीय छात्रों की संख्या 100-150 तक ही रहती थी लेकिन 2023 में आंकड़ा 3,000 के ऊपर पहुंच गया। यह बदलाव जंग के कारण यूक्रेन के संस्थानों के दरवाजे बंद होने के कारण आया है। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बड़ी संख्या में भारतीय मेडिकल छात्रों को यूक्रेन छोड़कर लौटना पड़ा था। तब समरकंद यूनिवर्सिटी ने करीब एक हजार छात्रों को समायोजित किया। वहां एमबीबीएस कोर्स छह साल का होता है।

Related posts

भारतीय सेना ने एमबीबीएस अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे

Ashutosh Kumar Singh

भूखमरी की कगार पर अरुणाचल के एनएचएमकर्मी, बैठे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर…

Ashutosh Kumar Singh

Good news : प्रत्यारोपण के बाद दोनों बाजुओं में लौटी जान

admin

Leave a Comment