डॉ. राजेश कुमार सिंह
नयी दिल्ली। “डॉ. जे.एल.मीना PHC to NMC तक” को पूरी तरह पढ़ने के बाद, मैं विश्वासपूर्वक कह सकता हूँ कि यह पुस्तक सामुदायिक स्वास्थ्य पेशेवरों और भारत में स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के इच्छुक सभी लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह पुस्तक डॉ. जे.एल. मीना के योगदान का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करती है और भारत में स्वास्थ्य सेवाओं के विकास की गहरी समझ प्रदान करती है, जो कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) से लेकर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) तक के सफर को दर्शाती है। आशुतोष कुमार सिंह द्वारा लिखित और धिप्रज्ञ द्विवेदी द्वारा अंग्रेजी में अनुवादित यह पुस्तक वास्तविक स्वास्थ्य सेवा चुनौतियों, नीति सुधारों और एक समर्पित चिकित्सा पेशेवर की यात्रा को प्रदर्शित करती है, जिन्होंने जन स्वास्थ्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पुस्तक से प्रमुख अंतर्दृष्टियाँ
1. जमीनी स्तर से नीति निर्माण तक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना
यह पुस्तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHCs) की भूमिका और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं पर उनके प्रभाव को समझाने में सहायक है। इसमें यह भी दिखाया गया है कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) की स्थापना सहित विभिन्न सुधार कैसे भारत में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य प्रशासन को नया स्वरूप दे रहे हैं।
2. डॉ. जे.एल. मीना की प्रेरणादायक यात्रा
एक PHC डॉक्टर से प्रभावशाली स्वास्थ्य सेवा नेता बनने तक का उनका सफर यह दर्शाता है कि निष्ठा और दूरदर्शिता किस प्रकार स्वास्थ्य प्रणाली में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है। उनके अनुभव युवा डॉक्टरों और सार्वजनिक स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए एक मार्गदर्शिका का कार्य करते हैं, जिससे वे भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में प्रभावी योगदान दे सकते हैं।
3. स्वास्थ्य सेवाओं की चुनौतियाँ और सुधार
यह पुस्तक ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत संरचना की कमी, चिकित्सा नैतिकता, नियामक चुनौतियाँ और प्रशिक्षण में आने वाली बाधाओं जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर करती है। यह एक मजबूत और समावेशी स्वास्थ्य प्रणाली के लिए नवीन समाधान और नीतिगत सिफारिशें भी प्रस्तुत करती है।
4. चिकित्सा प्रशासन में NMC का महत्व
यह पुस्तक कैसे NMC ने MCI (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) को प्रतिस्थापित किया है और चिकित्सा शिक्षा के मानकों, नैतिकता और पारदर्शिता को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखा है, इस पर विस्तृत चर्चा करती है। इसमें स्वास्थ्य सेवाओं तक सभी नागरिकों की बेहतर पहुँच सुनिश्चित करने के लिए सतत सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
यह पुस्तक सामुदायिक स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए क्यों आवश्यक है?




लेखक श्री आशुतोष कुमार सिंह के लिए विशेष
मैं श्री अशुतोष कुमार सिंह की “PHC to NMC” में अनूठी और प्रभावशाली लेखनी के लिए हृदय से सराहना करता हूँ। उन्होंने भारत की स्वास्थ्य सेवा की जटिलताओं और सुधारों को सरल, रोचक और विचारोत्तेजक तरीके से प्रस्तुत किया है, जिससे यह पुस्तक चिकित्सा पेशेवरों, नीति-निर्माताओं और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए एक अमूल्य संसाधन बन गई है।
सिर्फ साहित्यिक योगदान ही नहीं, बल्कि श्री आशुतोष कुमार सिंह ने पूरे भारत में जन औषधि जेनेरिक दवाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) के अंतर्गत सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाओं के बारे में आम जनता को शिक्षित करने के उनके अथक प्रयासों ने स्वास्थ्य सेवा की लागत को कम करने और सभी के लिए आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने में बड़ा योगदान दिया है।
उनकी स्वास्थ्य सेवा जागरूकता, नीति-संवर्धन और सामाजिक कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता उन्हें सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक दूरदर्शी नेता बनाती है। मैं उनके समुदायों को सशक्त बनाने के प्रयासों की तहे दिल से प्रशंसा करता हूँ और भविष्य में उनकी और भी प्रेरणादायक योगदानों की प्रतीक्षा करता हूँ।
अंतिम निष्कर्ष
“PHC to NMC” को पूरी तरह पढ़ने के बाद, मैं इसे सभी सामुदायिक स्वास्थ्य पेशेवरों, सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, डॉक्टरों और नीति निर्माताओं को अत्यधिक अनुशंसा करता हूँ। यह पुस्तक ज्ञान और प्रेरणा का प्रकाशस्तंभ है, जो यह दर्शाती है कि समर्पित स्वास्थ्य सेवा पेशेवर भारत में वास्तविक बदलाव ला सकते हैं।
रेटिंग: 



(5/5) – भारत में स्वास्थ्य सेवा सुधारने के इच्छुक सभी लोगों के लिए यह पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए!





पुस्तक समीक्षा : “डॉ. जे.एल.मीना PHC to NMC तक – भारत में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा
लेखक : आशुतोष कुमार सिंह
श्रेणी : स्वास्थ्य सेवा, जीवनी, सार्वजनिक स्वास्थ्य