नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोटापे के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकॉउंट एक्स पर 10 प्रमुख हस्तियों को चैलेंज किया है कि वे अपने खाने में खाद्य तेल की खपत को 10 फीसद कम करें। उन्होंने इन हस्तियों से अपील की कि वे भी 10-10 अन्य लोगों को इस चुनौती में शामिल करें ताकि यह आंदोलन और बड़ा हो सके।
मोटापा: 10 लोगों को मिला टास्क
प्रधानमंत्री ने जिन 10 लोगों को चैलेंज किया है, उनमें शामिल हैं-महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, ओलंपिक विजेता शूटर मनु भाकर और मीराबाई चानू, अभिनेता और निर्माता मोहनलाल, इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणी, अभिनेता आर माधवन, गायिका श्रेया घोषाल, अभिनेता और बीजेपी सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ तथा इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुधा मूर्ति। उन्होंने कहा कि मोटापा कई स्वास्थ्य समस्याओं जैसे हृदय रोग, टाइप 2 डायबिटीज, स्ट्रोक, और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए, यह आवश्यक है कि लोग अपने खान-पान में सुधार करें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
मोटापे से नुकसान की हुई चर्चा
दरअसल यह मामला फरवरी महीने की मन की बात में आया था। उसमें प्रधानमंत्री ने एथलीट नीरज चोपड़ा और निखत जरीन के साथ मिलकर मोटापे के नुकसानों पर बात की और कुकिंग ऑयल की खपत में 10 प्रतिशत की कमी करने की सलाह दी। उन्होंने मोटापे के मामलों में दोगुनी वृद्धि पर चिंता जताई, खासकर बच्चों में और देशवासियों से स्वस्थ भविष्य के लिए स्वस्थ खाने की आदतें अपनाने का आग्रह किया।
मोटापे की समस्या 8 में से एक व्यक्ति को
मन की बात में पीएम ने कहा कि एक फिट और हेल्दी राष्ट्र बनने के लिए हमें मोटापे की समस्या से निपटना होगा। एक अध्ययन के अनुसार आज हर आठ में से एक व्यक्ति मोटापे की समस्या से पीड़ित है। पिछले कुछ सालों में तो मोटापे के मामले दोगुने हो गए हैं लेकिन इससे भी ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि बच्चों में भी इसकी समस्या चार गुना बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इसलिए आपको यह तय करना चाहिए कि आप हर महीने 10 प्रतिशत कम तेल का उपयोग करेंगे। आप यह तय कर सकते हैं कि खाना बनाते के लिए आप 10 प्रतिशत कम तेल खरीदेंगे। यह मोटापा कम करने की दिशा में एक बड़ा स्टेप होगा। अपने खान-पान की आदतों में छोटे-छोटे बदलाव करके हम अपने भविष्य को मजबूत, फिट और रोग मुक्त बना सकते हैं।
मोटापे पर एम्स निदेशक की राय
इस बीच एम्स, दिल्ली के निदेशक एम. श्रीनिवास ने मीडिया को कहा कि शहरी क्षेत्रों की तरह ग्रामीण क्षेत्रों में भी मोटापे के मामले बढ़ रहे हैं और उन्होंने इस बीमारी से लड़ने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती यह है कि मोटापा हर चीज से जुड़ा एक जोखिम कारक है। सबसे आम बात जो हम समझते हैं वह है हार्ट डिजीज। उन्होंने कहा कि यहां तक कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी हम मोटापे के ज्यादा मामले देख रहे हैं। केवल शहरी ही नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र भी ऐसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
मोटापे से बचें ऐसे
उन्होंने एक अच्छी लाइफस्टाइल अपनाने, व्यायाम करने और अच्छी खान-पान की आदतें विकसित करने के महत्व के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि हमें बैलेंस डाइट लेने की जरूरत है। प्रोटीन पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि वे शरीर का निर्माण करते हैं। तेल के सेवन को कंट्रोल करने का सबसे आसान तरीका नट्स, अलसी के बीज आदि का सेवन करना है। कुल डाइट में फैट 20 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। अच्छे तेल का सेवन करें। हर दिन लगभग दो से चार चम्मच तेल का सेवन करें।
तेल के सेवन पर रखें काबू
श्रीनिवास ने यह भी कहा कि तेल के सेवन पर कंट्रोल रखना जरूरी है। इसमें दो घटक होते हैं-दृश्यमान और अदृश्य तेल। अदृश्य तेल वह होता है, जैसा कि आप जानते हैं, जब हम दूध पीते हैं, तो उसमें एक तेल होता है, उसमें एक फैट कॉम्पोनेंट होता है। दृश्यमान तेल वह होता है जिसका हम हर दिन उपयोग करते हैं। देश में खाना पकाने या दृश्यमान तेल की खपत बहुत ज्यादा है और यह सही कहा जा रहा है कि हमें इसे सीमित करने और इसमें कटौती करने की जरूरत है।
कमर के अनुसार मोटापे का अनुमान
निदेशक ने बताया कि लिंग के आधार पर अगर किसी व्यक्ति की कमर 80 सेमी-90 सेमी है, तो उसे मोटापे से पीड़ित होने की संभावना है। हालांकि, यह पेट का मोटापा है, एक ऐसी स्थिति जिसमें पेट और पेट के आसपास बहुत ज्यादा फैट होता है जो खतरनाक है। उन्होंने कहा कि हमें कुपोशण और मोटापे, दोनों से निपटना होगा क्योंकि कोई ज्यादा खा रहा है और कोई कम खा रहा है। इसलिए जो लोग कम खा रहे हैं, हमें उन्हें यह बताना होगा कि संतुलित आहार क्या है। दूसरी ओर जो लोग व्यायाम नहीं कर रहे हैं और ज्यादा कैलोरी ले रहे हैं, यह ऐसी चीज है जिस पर रोक लगाने की जरूरत है।