स्वस्थ भारत मीडिया
नीचे की कहानी / BOTTOM STORY

एक सप्ताह में पता चलेगा JN.1 कितना खतरनाक

अजय वर्मा

नयी दिल्ली। कोरोना के नये वेरिएंट JN-1 को एक्सपर्ट अभी मामूली बता रहे हैं लेकिन यह भी कह रहे हैं कि एक सप्ताह नजर रखनी होगी ताकि गंभीरता पता चल सके। ICMR समेत कई जगहों पर इस पर रिसर्च चल रहा है। WHO की नजर में यह मैटर ऑफ इंटेरेस्ट है। एक सप्ताह में तय हो जायेगा कि यह मैटर ऑफ कंसर्न है या नहीं। फिलहाल रद.1 दुनिया के 40 देशों में फैल चुका है। भारत में भी धीरे-धीरे कई राज्य इसकी जद में आने लगे हैं।

पुराने कोविड की तरह JN.1

जहां तक लक्षण की बात है, यह पुराने कोविड संक्रमण की तरह है लेकिन हॉस्पिटलाइजेशन की नौबत नहीं आयी है। सिर्फ हार्ट, शुगर और ज्यादा उम्र वाले लोग संक्रमण से सावधान रहें क्योंकि वे ही हाई रिस्क पर हैं। अमेरिकी संस्थान रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) ने इसको लेकर चेतावनी जारी की है। उसने कहा कि इस वेरिएंट का तेजी से प्रसार अमेरिकी अस्पतालों को बड़ी संख्या में मरीजों को भर्ती करने के लिए मजबूर कर सकता है। कोविड और फ्लू के संयुक्त प्रभाव को देखते हुए अमेरिकी मेडिकल सिस्टम पर भारी दबाव पड़ने को लेकर संस्थान चिंतित है।

अमेरिका की हालत पर CDC ने डराया

उसका कहना है कि कोविड के मरीजों की अस्पताल में भर्ती होने की संख्या काफी ज्यादा बढ़ रही है। गर्मियां खत्म होने के बाद से सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (MIS-C) पर भी नजर बनाई हुई है। यह कोरोना की वजह से ही होता है। वहां इन्फ्लूएंजा बढ़ रहा है और कई क्षेत्रों में रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV) एक्टिविटी भी बहुत ज्यादा देखी जा रही है। ऐसा रहने पर आने वाले समय में हालात बहुत मुश्किल हो सकते हैं।

जिनोम सीक्वेंसिंग में ओमिक्रान फैमिली का JN.1

जिनोम सीक्वेंसिंग की दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक जिस वायरस में म्यूटेशन हुई है, वह ओमिक्रान फैमिली का तो पाया गया है। इसलिए यह वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट तो है। देशभर में कोविड के मामलों पर नजर रखने वाली कमेटी के विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह म्यूटेशन वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट तो भी नजर जरूर रखनी चाहिए। इसी आधार पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों खास तौर से दक्षिण के राज्यों में ज्यादा सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।

नजर रखना जरूरी : डॉ. पांडा

देश के पूर्व मुख्य महामारी विशेषज्ञ रहे डॉक्टर समीरण पांडा ने मीडिया को बताया कि अभी तक की मिली जानकारी के मुताबिक यह वैरिएंट उतना खतरनाक नहीं बताया जा रहा है। लेकिन जितने भी कोविड के बदले हुए स्वरूप आए हैं, वह शुरुआत में खतरनाक नहीं साबित हुए। हालांकि उनका कहना है कि अभी भी इस वैरिएंट पर बेहद नजर रखने की जरूरत है। डब्ल्यूएचओ ने श्रछ.1 के तेजी से बढ़ते प्रसार को देखते हुए इसे एक अलग वैरिएंट के रूप में वर्गीकृत किया है। हालांकि यह वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए कम खतरा पैदा करता है।

Related posts

दिन बहुरेंगे दरभंगा के तीन तालाबों के, लौटेगी भव्यता

admin

कोरोना की दूसरी लहर में बढ़ी थी ऑक्सीजन और Remedesivir की मांग

admin

देश में 55 पत्रकार हुए कोविड-19 संक्रमित, प्रो. के.जी. सुरेश की मीडियाकर्मियों के लिए जारी की गई गाइडलाइंस की आई याद

Ashutosh Kumar Singh

Leave a Comment