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कछुओं समेत वन्य जीवों के संरक्षण पर COP-19 में भारत की सराहना

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। वनों के विलुप्तप्राय जंतुओं और वनस्पति के अंतर्राष्ट्रीय कारोबार सम्बंधी सम्मेलन (CITES) में जमीन और ताजे पानी में रहने वाले कछुओं के संरक्षण में भारत के प्रयासों की सराहना की गई। COP-19 का आयोजन पनामा सिटी में 25 नवंबर तक है।

भारत के प्रस्ताव को भारी समर्थन

इसमें ताजे पानी में रहने वाले कछुये बटागुर कचुगा (बंगाल आदि में पाया जाने वाला लाल खोल वाला कछुआ) को संरक्षण सूची में शामिल करने के भारत के प्रस्ताव का सभी पक्षकारों ने भारी समर्थन किया है। सभी पक्षकारों ने इसकी सराहना की और लागू करने की रजामंदी दी। साइट्स ने वन्यजीव अपराधों और कछुओं के गैर-कानूनी कारोबार के खिलाफ भी भारत के प्रयासों की प्रशंसा की। इस बारे में साइट्स सचिवालय ने प्रस्ताव पेश किया था जिसमें भारत के वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के ऑपरेशन टर्टशील्ड (Operation Turtleshield) के सकारात्मक परिणामों का स्पष्ट उल्लेख है। देश के विभिन्न भागों में एजेंसियों ने बड़ी मात्रा में जब्ती की कार्रवाई भी की है।

संरक्षण के प्रति भारत प्रतिबद्ध

साइट्स COP-19 में भारत ने कछुओं के संरक्षण के बारे में अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी। भारत ने जमीन और ताजे पानी में रहने वाले कछुओं की कई प्रजातियों को रेखांकित किया। ये कछुये विलुप्त होने की खतरनाक स्थिति में पहुंच चुके हैं और इन्हें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 में सम्मिलित करके उच्चस्तरीय सुरक्षा दी जा रही है। साइट्स-कॉप में अब तक 52 प्रस्तावों को रखा गया है, जिनसे शार्क, सरी-सृपों, हिप्पो, सॉन्गबर्ड, गैंडों, वृक्षों की 200 प्रजातियों, आर्किड फूलों, हाथियों, कछुओं, आदि के अंतर्राष्ट्रीय कारोबार पर नियम बनाने में सुविधा होगी।

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