नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। केंद्रीय ग्रामीण विकास और इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने जलदूत ऐप और जलदूत ऐप ई-ब्रोशर लॉन्च किया। इसे ग्रामीण विकास मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। इस ऐप का उपयोग पूरे देश में एक गांव में चयनित 2-3 कुओं के जल स्तर को पकड़ने के लिए किया जाएगा।
ऑफलाइन भी काम करेगा
अब खुले कुओं में जल स्तर की मैनुअल निगरानी साल में दो बार, 1 मई से 31 मई तक प्री-मानसून जल स्तर के रूप में और 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक उसी कुएं के लिए मानसून के बाद के स्तर के लिए मापी जाएगी। जलदूत अर्थात जल स्तर मापने के लिए नियुक्त अधिकारी भी माप के हर अवसर पर एप के माध्यम से जियो-टैग की गई तस्वीरें अपलोड करेगें। ऐप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में काम करेगा। जब मोबाइल कनेक्टिविटी क्षेत्र में आएगा तो डेटा सेंट्रल सर्वर के साथ सिंक्रोनाइज़ हो जाएगा। जलदूत द्वारा इनपुट किए जाने वाले नियमित डेटा को राष्ट्रीय जल सूचना विज्ञान केंद्र (एनडब्ल्यूआईसी) के डेटाबेस के साथ मिल जायेगा।
भूजल स्तर का पता चलेगा
ऐप लॉन्च कार्यक्रम में फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि नए ऐप के साथ सरकारों से लेकर ग्राम पंचायतों को भूजल स्तर के डेटा को व्यवस्थित रूप से एकत्र करने और केंद्रीय डिजिटल डेटाबेस में इसे आत्मसात करने की दिशा में खुद को शामिल करना चाहिए। यह ऐप देश भर में जल स्तर को देखने में सुविधा प्रदान करेगा और परिणामी डेटा का उपयोग ग्राम पंचायत विकास योजना और मनरेगा योजनाओं के लिए किया जा सकता है।
जल प्रबंधन में उपयोगी
राज्य मंत्री, साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि कई हिस्सों में भूजल की निकासी महत्वपूर्ण स्तर पर पहुंच गई है इसलिए जलस्तर का मापन और अवलोकन आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि अगर रेन वाटर चेक डैम बनेंगे तो ये बारिश के पानी के प्रबंधन और संरक्षण में उपयोगी होंगे। केन्द्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने कहा कि राज्य सरकारों को ग्राम पंचायतों को व्यवस्थित रूप से भूजल स्तर के आंकड़े एकत्र करने की दिशा में शामिल करके उपाय करना चाहिए।