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Lancet ने भी माना, टीकों ने भारत में 42 लाख मौतें रोकी

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। 185 देशों में टीकाकरण से पूर्व और बाद में कोरोना से हुई मौतों पर शोध के बाद साफ हुआ है कि वैक्सीन ने दुनियाभर में 19.8 मिलियन और भारत में 42 लाख से अधिक संभावित मौत को रोका। मानवता की रक्षा करने में वैक्सीन के नामं यह बड़ी उपलब्धि दर्ज हो गई है। यह शोध ब्रिटेन के शोधकर्ताओं का है जो प्रसिद्ध पत्रिका द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज जर्नल में प्रकाशित हुआ है। याद रहे Lancet वही पत्रिका है जिसने कोरोना काल में बीमारी और मौतों को लेकर भारत की लगातार आलोचना कर रही थी। खैर। अध्ययन बताता है कि कोविड के टीकों ने 2021 में भारत में 42 लाख से अधिक संभावित मौतों को रोका। अध्ययन ने महामारी के दौरान देश में ‘‘अतिरिक्त‘‘ मृत्यु दर के अनुमानों पर आधारित अपने निष्कर्ष निकाले। रिपोर्ट के मुताबिक कोविडरोधी टीकों ने दुनिया भर में होने वाली मौतों की संख्या को लगभग एक तिहाई तक कम करने में मदद की है।

WHO पर भी टिप्पणी

गणितीय मॉडलिंग अध्ययन में पाया गया कि कोविडरोधी टीकों ने महामारी के दौरान संभावित मृत्यु दर को लगभग 20 मिलियन (1 मिलियन=10 लाख) या उनके कार्यान्वयन के बाद के वर्ष में आधे से अधिक कम कर दिया। शोधकर्ताओं ने पाया कि टीकाकरण कार्यक्रम के पहले वर्ष में, संभावित 31.4 मिलियन कोरोना मौतों में से 19.8 मिलियन को दुनिया भर में रोका गया था। अध्ययन का अनुमान है कि यदि WHO के 2021 के अंत तक दो या अधिक खुराक के साथ प्रत्येक देश में 40 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण करने का लक्ष्य पूरा किया गया होता तो और 5,99,300 लोगों की जान बचाई जा सकती थी। अध्ययन ने 8 दिसंबर, 2020 और 8 दिसंबर, 2021 के बीच रोकी गई मौतों की संख्या का अनुमान लगाया है जिसमें टीके वितरित किए गए थे। ब्रिटेन के इंपीरियल कॉलेज, लंदन के अध्ययन के प्रमुख लेखक Oliver Watson ने कहा कि भारत के लिए हमारा अनुमान है कि इस अवधि में टीकाकरण से 42,10,000 मौतों को रोका गया था।

पूर्व के अनुमान खारिज किये

उन्होंने कहा कि इस मॉडलिंग अध्ययन से पता चलता है कि भारत में टीकाकरण अभियान ने लाखों लोगों की जान बचाई है। यह टीकाकरण के उल्लेखनीय प्रभाव को दर्शाता है, विशेष रूप से भारत में, जो Delta वैरिएंट के प्रभाव का अनुभव करने वाला पहला देश था।‘‘ भारत की संख्या इस अनुमान पर आधारित है कि महामारी के दौरान देश में 51,60,000 (48,24,000-56,29,000) मौतें हुई होंगी, यह संख्या अब तक दर्ज की गई 5,24,941 मौतों के आधिकारिक आंकड़े का 10 गुना है। ‘‘ये अनुमान महामारी के दौरान भारत में अधिक मृत्यु दर के अनुमानों पर आधारित हैं, जिसे हमने द इकोनॉमिस्ट से प्राप्त किया है और WHO द्वारा रिपोर्ट किए गए अनुमानों के समान हैं। स्वतंत्र रूप से हमारे समूह ने भी जांच की है।’’

दुनिया भर में लाखों मौतों को टाला गया

द इकोनॉमिस्ट के अनुमान के अनुसार, मई 2021 की शुरुआत तक भारत में कोरोना से 2.3 मिलियन लोग मारे गए, जबकि आधिकारिक आंकड़े लगभग 2,00,000 थे। WHO ने पिछले महीने अनुमान लगाया था कि भारत में 4.7 मिलियन कोविड से जुड़ी मौतें थीं, हालांकि इसका सरकार ने खंडन किया था। शोधकर्ताओं ने कहा कि टीके लगाए जाने के बाद पहले वर्ष में होने वाली लगभग 20 मिलियन मौतों में से लगभग 7.5 मिलियन मौतों को कोविड-19 वैक्सीन एक्सेस पहल (COVAX) द्वारा कवर किए गए देशों में रोका गया था।

वैक्सीन ही कोरोना का कवच

उन्होंने कहा कि COVAX की स्थापना की गई थी क्योंकि यह जल्दी ही स्पष्ट हो गया था कि वैश्विक वैक्सीन इक्विटी महामारी से बाहर निकलने का एकमात्र तरीका होगा, उन्होंने कहा। शोधकर्ताओं ने कहा कि पहल ने कम आय वाले देशों के लिए असमानताओं को कम करने की कोशिश करने के लिए सस्ती टीकों तक पहुंच की सुविधा प्रदान की है।

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