नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने फार्मा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के 7वें संस्करण का उद्घाटन किया। यह सम्मेलन 27 अप्रैल तक चलेगा। उन्होंने कोरोना काल में फार्मा सेक्टर की महती भूमिका का अभिनन्दन किया। केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा ने कहा कि 2025 तक चिकित्सा उपकरण क्षेत्र का बाजार 50 बिलियन डॉलर का होगा।
स्वास्थ्य सेवाएं अब सुगम
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री तथा रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व और अथक प्रयासों के कारण भारत में स्वास्थ्य सेवा सभी के लिए सस्ती और सुलभ हो रही है। सरकार देश में डॉक्टरों, चिकित्सा संस्थानों, अस्पताल सहित स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे, देखभाल केंद्रों, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की संख्या बढ़ाने के लिए अथक प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत औषधि और भारत चिकित्सा उपकरण 2022 जैसे सम्मेलन उद्योग, शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं को इस क्षेत्र में अगले 25 वर्षों के लिए विचार-मंथन और योजना का मसौदा तैयार करने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं।‘‘
भारत की सोच समग्रता में
कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में सफलता सुनिश्चित करने के लिए देश के फार्मा उद्योग को बधाई देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिस तरह से भारत ने कोविड महामारी का प्रबंधन किया है वह एक वैश्विक अध्ययन का विषय है। विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को चलाने के लिए आज पूरा विश्व समुदाय भारत के प्रयासों की प्रशंसा कर रहा है। देश में अब तक 187 करोड़ से अधिक कोविड टीके लगाए जा चुके हैं जो एक सराहनीय उपलब्धि है। जब स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की बात आती है, तो किसी को न केवल देश के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए सोचना चाहिए। ‘सेवा‘ का भाव हमेशा पहले आना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी सोच का दृष्टिकोण सांकेतिक नहीं बल्कि समग्रता का है।
अभी 80 फीसद उपकरणों का आयात
केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा ने कहा कि हमें भारतीय फार्मा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में गुणवत्ता, पहुंच और सामर्थ्य सुनिश्चित करने के लिए अनुसंधान एवं विकास और नवाचार पर ध्यान देने की आवश्यकता है। भारत दुनिया में फार्मा क्षेत्र का विशाल केंद्र है और हमारा देश औषधि उत्पादन के क्षेत्र में दुनिया में 5वें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि भारतीय चिकित्सा उपकरण क्षेत्र वर्तमान में 11 बिलियन डॉलर का है और इसके वर्ष 2025 तक 50 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की आशा है। उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही अनुसंधान एवं विकास, नवाचार के साथ, भारत में 80 प्रतिशत चिकित्सा उपकरणों का उत्पादन करने में सक्षम होगा।
तीन दस्तावेज जारी
उद्घाटन समारोह में, तीन ज्ञान दस्तावेज-‘कोविड युग के बाद औषधि उद्योग का भारतीय ईकोसिस्टम पर प्रभाव‘, ‘भारतीय चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में विकास और नवाचार को सक्षम करना‘ और ‘मुख्य कार्यकारी अधिकारियों द्वारा महत्वपूर्ण भाषणों का संकलन‘ भी केंद्रीय मंत्री द्वारा जारी किए गए। इसके अलावा, उद्घाटन समारोह के बाद डॉ. मनसुख मंडाविया ने फार्मा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ दो गोलमेज सम्मेलनों की भी अध्यक्षता की। सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री ने औषधि और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को सरकार के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया और अगले 25 वर्षों के लिए कार्य योजना तैयार करने में उनकी प्रतिक्रिया और समर्थन मांगा।