नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। कोरोना से जंग में पहली बार नेजल वैक्सीन को मंजूरी मिली है। इसे भारत बायोटेक ने बनाया है। यह 18 साल से अधिक के लागों को दी जानी है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इसे इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी दी है।
हेल्थ मिनिस्टर ने बताया
अपने फेसबुक पेज पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने जानकारी देते हुए कहा है कि यह एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा- वैक्सीन कोरोना महामारी से लड़ाई की ओर एक बड़ा कदम है। इस वैक्सीन का नाम BBV154 है। इसे नाक के जरिए शरीर में पहुंचाया जाता है। इसकी खास बात यह है कि शरीर में जाते ही यह कोरोना के इन्फेक्शन और ट्रांसमिशन दोनों को ब्लॉक करती है। चूंकि इस वैक्सीन में किसी इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती, इसलिए इससे चोट लगने का कोई खतरा नहीं है। साथ ही हेल्थकेयर वर्कर्स को भी कोई खास ट्रेनिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी। स्टोरेज में भी परेषानी नहीं है।
इसे बूस्टर डोज का भी दर्जा
इस नेजल वैक्सीन को प्राइमरी वैक्सीन के तौर पर दिया जाएगा। हालांकि, इसे कोवैक्सिन और कोविशील्ड जैसी वैक्सीन्स लेने वालों को बूस्टर डोज के तौर पर भी दिया जा सकता है। भारत बायोटेक के चेयरमैन डॉ. कृष्णा एल्ला ने मीडिया को बताया कि पोलियो की तरह इस वैक्सीन की भी 4 बूंद काफी हैं। दोनों नॉस्ट्रिल्स में दो-दो ड्रॉप्स डाली जाती हैं।