नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। हार्ट अटैक से 6 महीने तक सुरक्षित रखने के लिए वैज्ञानिकों ने नई दवा ईजाद की है। इसका इंजेक्शन एक बार लगवाने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा 6 महीने तक टल सकता है। हालांकि अभी यह दवा परीक्षण के दौर में है और इसमें सफलता मिली तो जल्द ही यह दवा बाजार में आएगी।
रक्त में मौजूद कण को हटाएगी दवा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस दवा को एलि लिली कंपनी ने बनाया है और इसका नाम लेपोडिसिरान है। यह दवा खून में पाए जाने वाले छोटे कण को 94 फीसद तक कम कर सकती है। ये कण ही हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ाते हैं। यह दवा इंजेक्शन के जरिए शरीर में जाकर खून में पाए जाने वाले इन खतरनाक कणों को काफी हद तक बेअसर कर सकती है। इस दवा का असर 6 महीने तक बना रहता है और इसके अभी तक कोई साइड इफेक्ट भी सामने नहीं आए हैं। दवा किया गया है कि यह दवा हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचाने में कारगर हो सकती है। गौरतलब है कि इस दवा के बारे में न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में शोध प्रकाशित हुआ है।
भारत में लॉन्च हुई वजन घटाने की दवा
अमेरिकी की इसी दवा कंपनी ने भारत में अपनी डायबिटीज और वजन घटाने वाली दवा मौनजारो (Mounjaro) लॉन्च की है। इसे भारत के दवा नियामक से मंजूरी मिल चुकी है। इसके 5 MG वायल की कीमत 4,375 रुपये और 2.5 MG वायल की कीमत 3,500 रुपये होगी। भारत में यह खास कीमत इसलिए रखी गई है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस आधुनिक इलाज तक पहुंच बना सकें। मालूम हो कि इस कंपनी की डायबिटीज और वजन घटाने वाली दवाओं की मांग दुनिया भर में बढ़ रही है। भारत में इस दवा का लॉन्च एक बड़ा अवसर है। भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है और यहां मोटापे और डायबिटीज के मामले बढ़ रहे हैं। कंपनी का दावा है कि यह दवा मेटाबॉलिक हेल्थ सुधारने और वजन घटाने का नया और कारगर तरीका साबित हो सकता है।
ब्लड कैंसर की पहचान अब आसान
ब्लड कैंसर की पहचाना अब आसानी से की जा सकेगी। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) के अनुसंधान और विकास केंद्र के विभागाध्यक्ष डॉ. विवेक गुप्ता ने ब्लड कैंसर के अदृश्य जीन की खोज करने की तकनीक को ढूंढ निकाला है। रिपोर्ट के अनुसार यूएस के मरीजों पर एक साल तक की गई रिसर्च के बाद उन्हें यह सफलता मिली है। अब रक्त कैंसर के जीन को ऑप्टिकल जीनोम मैपिंग की मदद से पकड़ा जाएगा। भारत में पहली बार यह तकनीकी आने वाली है। ऑप्टिकल जीनोम मैपिंग से तीव्र मायलॉयड ल्यूकेमिया (एएलएम) के जीन परिवर्तनों को पहचाने में सफलता मिली है। ग्लोबोकैन 2022 रिपोर्ट के अनुसार भारत में ब्लड कैंसर के कारण 70,000 से अधिक लोगों की जान चली गई है। जर्नल ऑफ ग्लोबल ऑन्कोलॉजी में 2017 प्रकाशित स्टडी के मुताबिक भारत में कैंसर से मरने वालों की दर विकसित देशों से लगभग दोगुनी है। भारत में हर 10 कैंसर मरीजों में से 7 की मौत हो जाती है।