नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने 9 मार्च को राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान (NIHFW) के 48वें वार्षिक दिवस समारोह की वर्चुअल अध्यक्षता की। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक प्रो. (डॉ.) अतुल गोयल भी विशिष्ट अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम में शामिल हुए। अपनी शिक्षा, प्रशिक्षण, अनुसंधान और विशेष सलाहकार सेवाओं के लिए जाना जाने वाला यह संस्थान देश में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए एक ‘शीर्ष तकनीकी संस्थान’ के साथ-साथ एक ‘थिंक टैंक’ के रूप में कार्य करता है। इस कार्यक्रम के दौरान सेस्थान में एक ओपन जिम्नेजियम पार्क, आरोग्य शक्ति पार्क और सक्षम मीडिया लैब की नई सुविधाओं का शुभारंभ किया गया।
NIHFW क्षमता निर्माण में अग्रणी
अपने संबोधन में श्री नड्डा ने NHIFW की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य पेशेवरों, नीति निर्माताओं और प्रशासकों के लिए प्रशिक्षण, अनुसंधान और क्षमता निर्माण में अग्रणी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संस्थान की क्षमता निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता सार्वजनिक स्वास्थ्य में डॉक्टरेट और मास्टर कार्यक्रमों की शुरुआत से स्पष्ट है कि यह देश में योग्य पेशेवरों की तत्काल आवश्यकता को पूरा कर रहा है। संस्थान की शोध पहल और विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के मूल्यांकन ने प्रमाण-आधारित नीति निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल लर्निंग पहल के बढ़ते महत्व के अनुरूप, मिशन कर्मयोगी कार्यक्रम के तहत सभी गतिविधियों के लिए नोडल संगठन के रूप में नामित NHIFW ने क्षमता निर्माण आयोग (CBC), एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण (IGOT) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रशिक्षण प्रभाग के सहयोग से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सभी संगठनों के मंत्रालय/विभाग/संगठन (MDO) के लिए उन्मुखीकरण कार्यशालाएं आयोजित की हैं।
NIHFW डिजिटल लर्निंग को सक्षम बनाएगा
उन्होंने NIHFW को उसकी प्रासंगिक शोध गतिविधियों और स्वास्थ्य से संबंधित सामग्री बनाने के लिए डिजिटल लर्निंग के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म सक्षम मीडिया लैब की भी सराहना की। यह स्वास्थ्य सेवा शिक्षा आउटरीच को आधुनिक बनाने की संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह सुविधा डिजिटल लर्निंग को सक्षम बनाने और देश भर में स्वास्थ्य सेवा ज्ञान को सुलभ बनाने में ‘महत्वपूर्ण’ साबित होगी। संस्थान में राष्ट्रीय कोल्ड चेन और वैक्सीन प्रबंधन संसाधन केंद्र (NCCVMRC) के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, श्री नड्डा ने कहा कि केंद्र सेवाएं प्रदान करने से संबंधित पेशेवरों की क्षमता निर्माण का शानदार काम कर रहा है। इस केंद्र को एक अंतरराष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र में उन्नत किया जा रहा है। यह विस्तार न केवल देश के भीतर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी टीकाकरण और आपूर्ति-श्रृंखला में भारत के नेतृत्व का प्रमाण है।
स्वास्थ्य व्यवस्था को इसने दी मजबूती
श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के लिए इस संस्थान की अटूट प्रतिबद्धता और सार्वजनिक स्वास्थ्य शिक्षा, अनुसंधान और नीति के लिए लगभग पांच दशकों की उत्कृष्टता की सराहना की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के अनुसार आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) जैसी योजनाओं के कार्यान्वयन और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की स्थापना के माध्यम से देश ने सार्वजनिक स्वास्थ्य परिदृश्य के एक नए युग में प्रवेश किया है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) के माध्यम से, आम लोगों के जीवन में उल्लेखनीय बदलाव आया है क्योंकि देश भर में फैली अमृत फार्मेसियों के माध्यम से सस्ती कीमतों पर उपलब्ध दवाओं के कारण जेब से होने वाले खर्च में काफी कमी आई है।
11 साल में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ी
देश के स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में किए गए प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए श्रीमती पटेल ने कहा कि 2014 से देश में चिकित्सा महाविद्यालयों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आज चिकित्सा महाविद्यालयों की संख्या 387 से बढ़कर 780 हो गई है, जो लगभग 101 प्रतिशत की वृद्धि है जबकि एम्स की संख्या 6 से बढ़कर 22 हो गई है। श्रीमती पटेल ने इस बात पर भी जोर दिया कि “हम देश में स्वास्थ्य सेवा के प्रति न केवल उपचारात्मक बल्कि निवारक, प्रोत्साहन और पुनर्वास के दृष्टिकोण से भी काम कर रहे हैं।”
NIHFW की ताकत अनुसंधान
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक अतुल गोयल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे अनुसंधान NIHFW की एक प्रमुख ताकत रही है और संस्थान ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के मूल्यांकन के माध्यम से नीति और व्यवहार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा में ई-लर्निंग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, लेकिन चिकित्सा पेशेवरों के व्यावहारिक प्रशिक्षण पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने NIHFW के माध्यम से बुनियादी अनुसंधान और संस्थानों की गतिविधियों के गहन मूल्यांकन की आवश्यकता पर भी जोर दिया ताकि उभरती और मौजूदा चुनौतियों के लिए बेहतर समाधान मिल सकें। श्री गोयल ने लोगों के दैनिक जीवन में शारीरिक गतिविधियों को शामिल करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया ताकि गुणवत्तापूर्ण जीवन सुनिश्चित किया जा सके।
NIHFW ने हेल्थ कार्यक्रम को बढ़ावा दिया
NIHFW के निदेशक प्रो. धीरज शाह ने संस्थान की पिछले वर्ष की प्रमुख उपलब्धियों के बारे में बताया और संस्थान द्वारा भविष्य में किए जाने वाले कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि NIHFW का मुख्य उद्देश्य भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण कार्यक्रमों के लिए शिक्षा, प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण, अनुसंधान के माध्यम से देश में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण कार्यक्रमों को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान ज्ञान प्रदान करने और क्षमता निर्माण के दायरे का विस्तार करने के अपने मूल मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है।
NIHFW की पत्रिका विमोचित
कार्यक्रम के दौरान NIHFW की नई पहलों का भी अनावरण किया गया, जिसमें संस्थान का नया लोगो, समिति हॉल के नाम और द्विवार्षिक हिंदी पत्रिका “जन स्वास्थ्य धारणा” का विमोचन शामिल था। विभिन्न श्रेणियों में संस्थान के सर्वश्रेष्ठ कार्यकर्ताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। कार्यक्रम में डॉ. आरपी सेंटर फॉर ऑप्थेलमिक साइंसेज, एम्स, नई दिल्ली के सहयोग से एक व्यापक नेत्र जांच शिविर भी आयोजित किया गया। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के अतिथियों, पूर्व छात्रों और संस्थान के सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए वर्ष की विभिन्न गतिविधियों को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, एनआईएचएफडब्ल्यू के डीन प्रोफेसर वीके तिवारी भी मौजूद थे।