नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत पूरे साल केंद्रीय स्तर से सभी राज्यों को टीबी रोधी दवाओं की नियमित आपूर्ति होती रही है। इसके साथ ही केंद्रीय गोदामों से लेकर स्वास्थ्य संस्थान तक विभिन्न स्तरों पर स्टॉक की स्थिति का नियमित मूल्यांकन किया जाता है। आपातकालीन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए राज्यों को सीमित मात्रा में स्थानीय खरीद का भी प्रावधान किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने 19 दिसंबर को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह बात कही।
बुजुर्गों के स्वास्थ्य देखभाल के लिए कदम उठाए गए
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने राज्यसभा को बताया कि बुजुर्गों के स्वास्थ्य देखभाल के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (NPHCE) में वृद्धावस्था के क्षेत्र में निवारक, उपचारात्मक और पुनर्वास पहलुओं को शामिल करके बुजुर्ग आबादी की स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को शामिल किया है। इसके लिए सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने, उपचार सुविधाओं के विस्तार और सीएचसी में पुनर्वास और रेफरल सेवाओं की स्थापना भी की गई है।
विकसित भारत संकल्प यात्रा
स्वास्थ्य मंत्रालय की विज्ञप्ति के मुताबिक विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान अब तक 65 हजार से अधिक स्वास्थ्य शिविरों में एक करोड़ से अधिक लोगों की भागीदारी हुई। 84 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए। इसके अलावा 36 लाख से अधिक लोगों की टीबी जांच की गई और 2.6 लाख से अधिक लोगों को उच्च सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में भेजा गया। सिकल सेल रोग के लिए 3.8 लाख से अधिक लोगों की जांच की गई और 18 हजार से अधिक लोगों को उच्च सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में भेजा गया।