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पटना Aiims को फिर मिला बॉम्बे ब्लड ग्रुप का रक्त

अजय वर्मा

पटना। दुर्लभ बॉम्बे ब्लड ग्रुप के डोनर नान्देड़ (महाराष्ट्र) के माधव मारोतीराव स्वर्णकार ने पटना एम्स में आधी रात को नन्हीं अलीशा परवीन के लिय दो यूनिट रक्तदान कर पूरे देश के लिए एक बड़ा संदेश दिया है। गत 18 अगस्त को भी उन्होंने दो यूनिट ब्लड अलीषा के लिए भेजा था।

बेमिसाल मानवता के लिए हुए सम्मानित

जानकारी हो कि 140 करोड़ के देश में दुर्लभतम बॉम्बे ब्लड ग्रुप के सिर्फ़ 400 के करीब डोनर रजिस्टर्ड हैं। उनमें से एक डोनर माधव मारोतीराव स्वर्णकार ने रात में महाराष्ट्र से पटना आकर ब्लड डोनेट कर अद्भुत मानवता का परिचय दिया है। इस पुनीत काम के लिए पटना की दर्जनों संस्थाओं ने एक साथ मिलकर माँ ब्लड सेंटर में उन्हें सम्मानित किया।

बिहार का ऐसा पहला केस

मालूम हो कि रोहतास निवासी 14 साल की अलीशा परवीन डेंगू से पीड़ित होने के बाद पटना एम्स में भर्ती हुई थी। एम्स ने माँ ब्लड सेंटर को बॉम्बे ब्लड ग्रुप का एक यूनिट उपलब्ध कराने हेतु पत्र भेजा। सेंटर से जुड़े डॉ. यू. पी. सिन्हा के नेतृत्व में जब पीड़ित बच्ची के खून के नमूने की जांच की गई तो सब हैरत में पड़ गए। उस बच्ची का खून बॉम्बे ब्लड ग्रुप का था। यह बिहार का पहला मामला है। मां ब्लड सेंटर के संस्थापक मुकेश हिसारिया को जब बिहार में इस श्रेणी का ब्लड नहीं मिला तब उन्होंने मुंबई के लाइफ ब्लड काउंसिल के विनय शेट्टी से संपर्क साधा। श्री शेट्टी को सायन ब्लड सेंटर, मुंबई और काई वामनराव ओक ब्लड बैंक, थाणे के सौजन्य से इस ग्रुप के रक्त की आपूर्ति संभव हो सकी।

देखें–https://www.swasthbharat.in/blood-of-rare-group-was-brought-from-mumbai-to-save-the-girls-life/

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