पटना (स्वस्थ भारत मीडिया)। पटना जिला समाजिक सुरक्षा कोषांग व मारीवाला हेल्थ इनीशियेटिव (M.H.I) के तत्वावधान में गत दिनों एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें पटना में संचालित मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना अंतर्गत भिक्षुक पुनर्वास गृह तथा M. I. Cure Homes के सभी कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया। कार्यक्रम में सामाजिक सुरक्षा कोषांग, पटना की सहायक निदेशक श्रीमती स्नेहा ने बताया कि मानवीयता की सेवा किसी न किसी रूप में अवश्य करनी चाहिए। दिव्यांग और असहाय लोगों के लिए काम करने के लिए सकारात्मक ऊर्जा के साथ-साथ निरंतर सीखने की जरूरत होती है।
उच्चतम कौशल की जरूरत
कार्यशाला में डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य पर प्रोफेशनल कर्मियों को कार्य करने के लिए उच्चतम कौशल की आवश्यकता होती है। मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्ति और उनके परिजनों के साथ विवेकपूर्ण तरीके से बात करने के अलावा कर्मियों को अपने भी मानसिक स्वास्थ्य की देखरेख करते रहना चाहिए। इस अवसर पर सभी कर्मियों को मानसिक स्वास्थ्य में कार्य करने और मानसिक रूप से कमजोर लोगों के प्रति मानवीय व्यवहार अपनाने पर जोर दिया गया। कर्मियों को कार्य के दौरान होने वाले रोजमर्रा के तनाव और आंतरिक तनाव की जानकारी दी गयी।
कर्मियों को अपने हेल्थ पर भी ध्यान देना होगा
डॉ. मनोज ने कर्मियों के कार्य की उपयोगिता से भी परिचित कराया। मानसिक मरीजों के पुनर्वास में लगे स्टाफ का स्वयं का अपना हेल्थ मायने रखता है। इसी कङी में नित्य नये तनाव के बढते आयाम से डा. मनोज ने विस्तारित जानकारी दी। ज्ञातव्य हो कि इन गृहों में मानसिक रूप से रुग्ण व्यक्तियों को उपचार के पश्चात मानसिक आरोग्यशाला कोईलवर से लाभार्थियों को पुनर्वास हेतु यहाँ आवासित किये जाते हैं।