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फार्मासिस्टों ने किया बंद का विरोध

नांदेड़ महाराष्ट्र की लोकसेवा फार्मेसी ने हमेशा ही बंद का विरोध किया है
नांदेड़ महाराष्ट्र की लोकसेवा फार्मेसी ने हमेशा ही बंद का विरोध किया है

दिल्ली/मुंबई  :
आल इंडिया एसोसिएशन ऑफ़ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट  (AIOCD) ने दिनांक 14 अक्टूबर 2015 को भारत बंद की घोषणा की है वही दूसरी तरफ देश भर के फार्मासिस्ट संगठनो ने इसका कड़ा विरोध किया है । मामला दवाओं की ऑनलाइन विक्री से जुड़ा है वही ई -फार्मेसी की आड़ में फार्मासिस्ट की अनिवार्यता ख़त्म करने की मांग भी कर रहे है । आइये एक नज़र डालते है पुरे प्रकरण पर।
सबसे पहले इस मामले की शुरुवात दवाओं के ऑनलाइन विक्री को लेकर महाराष्ट्र के फार्मासिस्ट संगठन महाराष्ट्र रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट एसोसिएशन (MPRA) ने ही की थी । एमपीआरए के अध्यक्ष कैलाश तांदळे ने स्वस्थ भारत अभियान को बताया की ऑनलाइन दवाओं की बिक्री अवैध व गैर क़ानूनी है । ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट और फार्मेसी एक्ट के प्रावधानों के अनुसार दवा फार्मासिस्ट की देखरेख में भी बिकनी चाहिए। फ़र्ज़ी प्रिस्क्रिप्सन ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किये जाने से नशीली दवाओं का कारोबार फल फूल सकता है। जो समाज के लिए घातक है ।
 खाद्य एवं औषधी मंत्री गिरीश बापट ज्ञापन देते कैलाश तांदळे
खाद्य एवं औषधी मंत्री गिरीश बापट ज्ञापन देते कैलाश तांदळे

कैलाश तांदळे ने सबसे पूर्व महाराष्ट्र के खाद्य एवं औषधी मंत्री गिरीश बापट को लिखकर ई – फार्मेसी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी । चूँकि ई – फार्मेसी से खुदरा व्यापार भी प्रभावित हो रहा था इसे देखते हुवे केमिस्ट संगठनो ने भी इसकी मांग शुरू कर दी ।  कैलाश तांदळे ने एआईओसीडी पर मुद्दे को हाइजैक करने का आरोप मढ़ा है । तांदळे ने कहा की केमिस्ट संगठन  ई – फार्मेसी की आड़ में फार्मासिस्टों की अनिवार्यता ख़त्म करने की पुरानी कोशिशों को हवा दे रहे है । महराष्ट्र रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट एसोसिएशन इस बंदी का कड़ा विरोध करती है।
ग्रीन क्रॉस फाउंडेशन, पुणे अध्यक्ष सचिन भालेकर ने एआईओसीडी के प्रमुख अप्पा जगन्नाथ शिंदे पर ई – फार्मेसी को लेकर राजनीती करने का आरोप लगाया है। सचिन भालेकर के अनुसार दवा व्यवसाय में अपना प्रभुत्व कायम रखने के लिए केमिस्टों के नेता देश व्यापी हड़ताल का सहारा ले रहे है। अगर ई – फार्मेसी का विरोध ही करना था तो इसके कई तरीके है पर मरीज़ो की जान खतरे में डालना तर्क संगत नहीं । दरअसल केमिस्ट संगठन दवा दुकानों से फार्मासिस्ट की अनिवार्यता ख़त्म करने पर तुले है । हमने महाराष्ट्र की सभी दवा दुकानों को खुला रखने का फैसला किया है ।
यूनियन ऑफ़ रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट, महाराष्ट्र ने भी इस बंदी का विरोध करते हुवे देश भर के फार्मासिस्टों के एकजुट होकर लड़ने का आह्वान किया है । अपने सन्देश में उमेश खके ने कहा की केमिस्ट संगठन फार्मासिस्टों की अनिवार्यता खत्म करने की मांग को लेकर ऐसी कई हड़ताल कर चुके है। फार्मासिस्ट को हर हाल में अपने कर्तव्य का पालन करते रहना चाहिए ।
लोकसेवा फार्मेसी, नांदेड के संस्थापक प्रसाद वागमोडे ने कहा की ऐसी हड़ताल का उन्होंने हमेशा ही विरोध किया है पिछली कई बंद में लोकसेवा फार्मेसी ने अपनी दुकान खुली रखी है इस बार भी खुली रहेगी मरीज़ों की जान के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा ।
फार्मेसी फाउंडेशन के अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव
फार्मेसी फाउंडेशन के अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव

फार्मासिस्ट फाउंडेशन के संस्थापक अमित श्रीवास्तव ने प्रेस रिलीज़ जारी कर यूपी के सभी फार्मसिस्टों को अपनी अपनी दुकानें खोलने की अपील करते हुवे फाउंडेशन के सदस्यों से अपील की है की हर हाल में दवा की दुकानें खुली रखें। साथ ही जगह जगह कैंप का आयोजन करते हुवे मरीज़ो को मदद की जाए ताकि दवा के आभाव में किसी मरीज़ की मौत ना हो । हाल में ही फार्मासिस्ट फाउंडेशन के सदस्यों ने औषधी नियंत्रण विभाग का घेराव कर हर दवा दुकानों में फार्मासिस्ट की उपस्थिति की मांग की थी। अमित श्रीवास्तव ने बताया की यूपी में हुवे ड्रग लाइसेंस घोटाले को छुपाने के लिए केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन वाले अब फार्मासिस्टों की अनिवार्यता पर ही सवाल खड़े कर रहे है । फाउंडेशन ने इनको मुहतोड़ जबाब जबाब देने की तैयारी कर ली है । हड़ताल से निपटने के लिए इंतज़ाम किये जा रहे हैं ।आम जनता को कोई तकलीफ नहीं होने दी जायेगी । सभी जिले के प्रसाशनिक अधिकारीओं को सुचना दी जा रही है ताकि समन्वय बनाकर बंदी से निपटा जा सके । प्रसाशन मदद कर रहा है ।
वहीँ देश के अन्य हिस्सों में भी बंद को देखते हुवे अन्य फार्मासिस्ट संगठनों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है आइए देखते है किसने क्या कहा ;
फार्मासिस्ट के बगैर दवा की परिकल्पना नहीं की जा सकती । फार्मासिस्ट डॉक्टर और जनता के बीच की अहम कड़ी है । केमिस्ट संगठनों की मांग वेतुकी है वे इसका पूर्ण रूप से विरोध करते है । राजस्थान में फार्मासिस्ट अपनी दुकानें बंद नहीं रखेंगे देश के फार्मासिस्ट भी केमिस्ट संगठनों की इस बंदी का विरोध करें ।
देवेन्द्र शर्मा, मीडिया प्रभारी, फार्मासिस्ट जाग्रति संस्थान राजस्थान
फार्मासिस्टों के बढ़ते कदम से केमिस्ट बौखलाय हुवे हैं कई ज्यादातर दवा दुकान बगैर फार्मासिस्ट के चल रही है प्रसाशन की मिलीभगत से अबतक दवा दुकानों का सञ्चालन कर रहे थे अब जबकि फार्मासिस्ट जागरूक हो गए है इनकी दुकान बंद होने का खतरा मंडरा रहा है इसलिए वेकार की मांग कर रहे है ।
सुरेन्द्र चौधरी, प्रवक्ता, अभिनव फार्मेसी अभियान
गोरखपुर में फार्मासिस्ट दवारा संचालित सभी दुकानें खुली रहेगी जरुरत पड़ने पर फार्मासिस्ट चौबीस घंटे दुकान खोल कर मरीज़ो को अपनी सेवायें देंगे। मरीज़ों को परेसानी नहीं हो संगठन इसकी समुचित व्यवस्था कर रहा  है ।
कृष्ण प्रताप साहनी, बेरोजगार फार्मासिस्ट उत्थान सेवा संस्थान, गोरखपुर
झारखण्ड के फार्मासिस्ट किसी सूरत में अपनी दुकानें बंद नहीं करेंगे। दुकानें हमेशा की तरफ खुली रखेंगे । मरीज़ो को तकलीफ नहीं होने दिया जाएगा। जो केमिस्ट बगैर फार्मासिस्ट दुकान चलना चाहते है वे अपना कारोबार बदल लें । बगैर फार्मासिस्ट दवा दुकान नहीं चलने दिया जाएगा ।
जीतेन्द्र शर्मा,  महासचिव, सिंहभूम फार्मासिस्ट एसोसिएशन, झारखण्ड
केमिस्ट संगठन हमेशा से ही ऐसी फिजूल मांग करते रहे है उन्हें ज्यादा तवज़्ज़ो दिए जाने की जरुरत नहीं है।
विवेक मौर्य, प्रवक्ता, प्रांतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन
असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में सभी फार्मासिस्ट अपनी दुकान खुली रखकर मरीज़ो को सेवा देते रहेंगे । दवा दुकानों में फार्मासिस्ट की मौजूदगी अनिवार्य है इससे समझोता नहीं किया जाएगा ।
ज़ाकिर सिकदर,  प्रवक्ता, असम रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट एसोसिएशन
हमलोग केमिस्ट संगठनो की बंदी का विरोध करते है। तमिलनाडु में फार्मासिस्ट संचालित दवा दुकानों पर कोई समस्या नहीं आएगी वे हमेशा की भांति खुली रहेंगी मरीज़ो को कोई तकलीफ नहीं होने दी जायेगी।
पैटर्न राज , अध्यक्ष, तमिलनाडु फार्मासिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन
गुजरात फार्मासिस्ट एसोसिएशन के राम प्रवीण ने भी बंदी को गलत बताते हुवे कहा की गुजरात में दवा दुकानों को बंद नहीं किया जाएगा और फार्मासिस्ट अपनी दुकानें खुली रखेंगे । वही छत्तीसगढ़ फार्मासिस्ट एसोसिएशन के वैभव शास्त्री ने भी बंदी को गलत बताते हुवे बंद के विरोध में फार्मासिस्ट की दुकानें खुली रखने को कहा है।
फार्मा एक्टिविस्ट विनय कुमार भारती ने देश भर के सभी फार्मासिस्टों और संगठनो से एकजुटता बनाये रखने की अपील की है । भारती ने कहा की केमिस्ट संगठनो कि इस बंदी का विरोध करें और मरीज़ों की पूरी मदद कर फार्मेसी पेशे की गरिमा बनाये रखें।
स्वस्थ भारत अभियान के राष्ट्रीय संयोजक आशुतोष कुमार सिंह ने देश भर के फार्मासिस्टों को सन्देश देते हुवे कहा की फार्मासिस्ट स्वस्थ जगत के मुख्य स्तम्भ है उन्हें हटाने की बात करना लोकतंत्र पर हमले करने जैसा है फार्मासिस्टों की लड़ाई में वे हमेशा ही साथ है और रहेंगे ।
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2 comments

sachin patil October 2, 2015 at 11:04 pm

If all pharmacist unit and open sahakari medical and wholesale then our pharmacist association will be strong and any body does not egonor and all pharmacist are emploid

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sachin patil October 2, 2015 at 11:59 pm

If all pharmacist unit and open sahakari medical and wholesale then our pharmacist association will be strong and any body does not egonor and all pharmacist are employed

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