पिछले 3 वर्षों में फार्मासिस्ट व फार्मेसी का मुद्दा जितना उछाल पर है, उतना भारतीय फार्मा क्षेत्र के इतिहास में पहले कभी नहीं था. इसी सन्दर्भ में पिछले दिनों पटना में इंडियन फार्मेसी ग्रेजुएट असोसिएशन ने अपना वार्षिक सम्मलेन किया. इस सम्मलेन में तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई.
इंडियन फार्मेसी ग्रेजुएट्स एसोसिएसन , बिहार ब्रांच के वार्षिक सम्मेलन में बोलते हुए IPGA के अध्यक्ष श्री अतुल कुमार नासा ने कहा कि थोक दवा दुकान में compitent person के जगह पर सिर्फ Registered pharmacist ही रहेंगे की योजना बहुत आगे बढ़ गई है.विभिन्न समितियों से पास होते हुए कानून बनने की ओर अग्रसर है. फार्मेसी के सभी पदों की योग्यता सिर्फ फार्मेसी हो के लिए भी हमलोग प्रयत्न हैं. देर सबेर हमें इसमें भी सफलता मिलेगी. औषधि महानियंत्रक डा० जी.एन.सिंह ने दवा कारोबार पर प्रकाश डालते हुए drugs एक्ट & रूल्स विचार मांगें. बिहार के महासचिव श्रीपति सिंह ने अपने रिपोर्ट प्रस्तुत किये. मुख्य अतिथि माननीय अध्यक्ष श्री विजय कुमार चौधरी बिहार विधान सभा ने स्वास्थ्य जगत में फार्मासिस्टों के योगदान की सराहना करते हुवे कहा की फार्मासिस्ट स्वास्थ्य की रीढ़ हैं ! सेमिनार की अध्यक्षता कर रहे आईपीजी ए बिहार के अध्यक्ष बिनोद कुमार ने फार्मासिस्ट को राजपत्रित अधिकारी का दर्ज़ा देने की मांग की .धन्यवाद नन्द किशोर प्रसाद ने दिया. इस अवसर पर हज़ारों की संख्या में फार्मेसी स्टूडेंट मौजूद थे ।
IPGA ने किया सम्मानित
फार्मा के क्षेत्र में कार्य कर रहे एक्टिविस्टों को IPGA ने सम्मानित किया सम्मान पाने वाले एक्टिविस्टों में सिंहभूम फार्मासिस्ट एसोसिएशन (झारखण्ड) के धर्मेंद्र सिंह , विनय कुमार भारती समेत दर्ज़नो नाम शामिल हैं !
इस सफल आयोजन के लिए स्वस्थ भारत अभियान के राष्ट्रीय समन्वयक आशुतोष कुमार सिंह ने IPGA बिहार को शुभकामना प्रेषित किया है.
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फार्मासिस्टों के आवाज को उठाना हमारा फ़र्ज़ है.आप ने उन्हें जगह दिया इसके लिए शुक्रिया .–विनोद कुमार—