नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। आठ दवाओं के ग्यारह अनुसूचित यौगिकों की कीमतों में 50 प्रतिशत इजाफे की मंजूरी राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने दी है। इस फैसले से जिन दवाओं की कीमतों में वृद्धि होगी को उनमें अस्थमा, ग्लूकोमा, थैलेसीमिया, तपेदिक और मानसिक स्वास्थ्य विकारों जैसी स्थितियों के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली दवाएं शामिल हैं।
इनके बढ़ेंगे दाम
रिपोर्ट के अनुसार NPPA के इस फैसेले से बेंजिल पेनिसिलिन 10 लाख IU इंजेक्शन, एट्रोपिन इंजेक्शन 0.6 MG/ML, इंजेक्शन के लिए स्ट्रेप्टोमाइसिन पाउडर (750 MG और 1000 MG) साल्बुटामोल टैबलेट (2 MG और 4 MG) और रेस्पिरेटर सॉल्यूशन (5 MG/ML), पिलोकापाइन 2 प्रतिशत ड्रॉप्स, सेफैड्रोक्सिल टैबलेट 500 MG, इंजेक्शन के लिए डेसफेरियोक्सामाइन 500 MG और लिथियम टैबलेट 300 MG शामिल हैं। इससे पहले भी 2019 में 21 और 2021 में 9 तरह की दवाओं की कीमतों में 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी।
प्राधिकरण ने बताया कारण
प्राधिकरण का कहना है कि इस कदम का मकसद सार्वजनिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं के लिए दवाओं की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करना है। हालांकि, दवा निर्माताओं की ओर से सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्री (API) की बढ़ती लागत, उत्पादन खर्च में वृद्धि और विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव के कारण मूल्य संशोधन की मांग की गयी थी। इन दवाओं का उपयोग अक्सर सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में प्रथम-पंक्ति उपचार के रूप में किया जाता है और मूल्य समायोजन का उद्देश्य उत्पादन चुनौतियों के कारण दवाओं की कमी या अनुपलब्धता को रोकना है।