राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विश्व क्षय रोग दिवस की पूर्व संध्या पर अपने विचार साझा किए हैं।
ये दिवस हर वर्ष 24 मार्च को मनाया जाता है।
उन्होंने कहा:- मुझे यह जानकर खुशी हुई कि 24 मार्च 2021 को विश्व क्षय रोग दिवस मनाया जा रहा है ताकि जनता में क्षय रोग के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके। 1882 में इसी दिन डॉ. रॉबर्ट कोच ने उस बैक्टिरिया की खोज की थी जिसके चलते टीबी की बीमारी होती है। इसी ने आगे चलकर इस जानलेवा बीमारी के ईलाज का मार्ग प्रशस्त किया।
भारत के साथ-साथ दुनिया भर की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए साल 2020 बेहद महत्वपूर्ण समय था। कोविड-19 महामारी ने हर इंसान की पहुंच तक अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है।
समूचा राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम कोविड-19 महामारी के खिलाफ सामने से लड़ा। टीबी की बीमारी से लड़ते हुए कोरोना जैसी महामारी का सामना करने का प्रयास काफी सराहनीय रहा है। संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप भारत सरकार सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत इसे लागू किया जा रहा है। यह विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है।
मैं राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम को मुश्किल वक्त में उनकी बेहतरीन उपलब्धियों के लिए बधाई देता हूं। इस अवसर पर हमें ‘सभी के लिए स्वास्थ्य’ के मकसद पर अपने प्रयासों को और तेज करना चाहिए और आने वाली पीढ़ियों के लिए उज्ज्वल और स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करना चाहिए।
राष्ट्रपति का पूरा संबोधन यहां पढ़ें-
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