नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। हर साल बरसात के आसपास फैलने वाले डेंगू को साधारण मत समझिए। वैाानिकों का मामना है कि इसके संक्रमण का समय पर उपचार न हुआ तो घातक बन जायेगा। कम से कम हर्ट को लेकर तो यह कोरोना से भी अधिक खतरनाक साबित हो सकता है।
सिंगापुर में हुई स्टडी
सिंगापुर के वैज्ञानिकों ने डेंगू के कारण होने वाले इस दुष्प्रभाव का अध्ययन किया है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि डेंगू संक्रमण के बाद रोगियों में हृदय संबंधी बीमारियों की आशंका काफी अधिक होती है। जर्नल ऑफ ट्रैवल मेडिसिन में यह अध्ययन सामने आया है। इस स्टडी के लिए सिंगापुर में जुलाई 2021 से अक्तूबर 2022 के बीच डेंगू से पीड़ित 11,707 और कोविड से पीड़ित 1,248,326 रोगियों की जांच की गई। प्रतिभागियों की संक्रमण के 300 दिन बाद तक स्वास्थ्य स्थितियों की निगरानी की गई। वैज्ञानिकों ने पाया कि डेंगू शरीर पर कई प्रकार से गंभीर प्रभाव डाल सकता है। कई मामलों में गंभीर डेंगू के कारण लिवर डैमेज होने, मायोकार्डिटिस और तंत्रिका संबंधी समस्याएं भी देखी गई हैं।
ऑर्गन डैमेज का खतरा भी
स्टडी के अनुसार दीर्घकालिक रूप में डेंगू के कारण हार्ट, लिवर सहित कई महत्वपूर्ण अंगों को क्षति होने का भी खतरा हो सकता है। रक्तस्राव और प्लेटलेट काउंट में कमी के कारण ऑर्गन डैमेज का जोखिम बढ़ जाता है। इसके कारण रोगियों में न सिर्फ हृदय रोगों का खतरा हो सकता है साथ ही डेंगू के कारण मस्तिष्क और स्मृति विकारों का 213 फीसद अधिक जोखिम देखा गया है। इतना ही नहीं, कोविड-19 के शिकार रहे लोगों की तुलना में डेंगू रोगियों में मूवमेंट डिसऑर्डर का जोखिम भी 198 फीसद अधिक हो सकता है।