नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। अभी बॉर्नविटा के बहाने हेल्थ ड्रिक्स को लेकर बहस छिड़ी है। बाजार में ऐसे कई पाउडर या ड्रिक्स बिक रहे हैं जो शरीर को और अधिक एनर्जी एवं पोषक तत्व मिलने की बात करते हैं। लेकिन एक सर्वे में ये खुलासा हुआ है कि भारत में बिकने वाले 70 फीसद प्रोटीन सप्लीमेंट में गलत लेबलिंग की जा रही है। ऐसे सप्लीमेंट्स में विषाक्त पदार्थ भी मिले रहते हैं।
36 प्रोटीन पाउडर्स ब्रांड पर हुआ सर्वे
यह सर्वे मार्केट में मिलने वाले 36 प्रोटीन पाउडर के परीक्षण के लिए हुआ था। इसमें कई विटामिन, मिनरल्स और सिंथेटिक फूड जैसे हर्बल आहार भी शामिल किये गये थे। रिपोर्ट के अनुसार सर्वे में पता चला है कि 36 सप्लीमेंट्स में से लगभग 70 प्रतिशत में प्रोटीन संबंधी दी गई जानकारियां गलत थीं। यह भी खुलासा हुआ है कि कुछ ब्रांड अपने दावे का केवल 50 फीसद ही उसमें मिला रहे हैं। लगभग 14 प्रतिशत नमूनों में हानिकारक फंगल एफ्लाटॉक्सिन थे तो आठ प्रतिशत सप्लीमेंट्स में कीटनाशक मिले होने की बात भी सामने आई जो खतरनाक है।
प्रोटीन सप्लीमेंट्स में विषाक्त वनस्पतियां भी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केरल के राजगिरी अस्पताल से संबद्ध क्लीनिकल रिसर्चर और अमेरिका के टेक्नोलॉजी एंटरप्रेन्योर ने अधिकांश भारतीय निर्मित हर्बल प्रोटीन आधारित सप्लीमेंट को खराब गुणवत्ता वाला बताया है। यह भी कहा है कि ये विषाक्त वनस्पतियों से तैयार किया गया है। WHEY प्रोटीन काफी लोकप्रिय फिटनेस आहार है। ये वह लिक्विड पदार्थ हैं जो पनीर बनाने के दौरान दूध से अलग किया जाता है। फिल्टर किए जाने के बाद इसे प्रोटीन पाउडर में स्प्रे किया जाता है।