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बालिका स्वास्थ्य का संदेश घर-घर पहुंचाने की सार्थक पहल

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पूरे देश-दुनिया में जहां योग दिवस के दिन योग पर चर्चा-परिचर्चा हुई वहीं भारत के युवाओ की एक टीम ने स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज के सन्देश को बुलंद कर रही थी।
नई दिल्ली/ पूरे देश-दुनिया में जहां योग दिवस के दिन योग पर चर्चा-परिचर्चा हुई वहीं भारत के युवाओ की एक टीम ने स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज के सन्देश को बुलंद कर रही थी.
पद्म श्री मालिनी अवस्थी परिसंवाद को संबोधित करते हुए
पद्म श्री मालिनी अवस्थी परिसंवाद को संबोधित करते हुए

स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज विषय पर राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन करते हुए स्वस्थ भारत (न्यास) के इन युवाओं ने यह संकल्प लिया की भारत में बालिका स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाएंगे. गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति एवं स्वस्थ भारत ( न्यास) के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस परिसंवाद में एक ओर जहां कला क्षेत्र से पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने युवाओं का मार्गदर्शन किया वही दूसरी तरफ गांधी स्मृति दर्शन समिति के कार्यकारणी सदस्य गाँधीवादी लक्षमीदास जी का अध्यक्षीय सम्बोधन इस विषय को और गहराई से समझने का मौका दिया. पांचवा स्तम्भ की संपादिका संगीता सिन्हा ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बालिकाओं को लेकर समाज में ब्याप्त रूढ़िवादी सोच को उजागर किया. बेटियों के जन्म पर अपने अस्पताल में मिठाईयां बाटने वाले डॉ गणेश राख ने बेटियो के प्रति समाज के नजरिये को बदलने पर बल दिया. ध्यान देने वाली बात यह है कि डॉ राख पुणे स्थित अपने अस्पताल में 500 से ज्यादा बेटियों की डिलेवरी बिना शुल्क लिए करवा चुके हैं. इसकी चर्चा व तारीफ हाल ही में मोदी सरकार के दो वर्ष होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में अमिताभ बच्चन ने भी की थी.
2इस परिसंवाद में नॅस्टिवा हॉस्पिटल की डॉ सौम्या ने स्त्रियों को होने वाली बीमारियों व उसे रोकने के उपायो की चर्चा की. भ्रूण हत्या व इससे सम्बंधित कानूनों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए अभिभावक जिम्मेदार हैं.डॉक्टरों पर दबाव डाला जाता है. उनके इस टिप्प्णी से असंतोष जताते हुए पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने कहा की यदि डॉ लिंग जाँच न करने के लिए पूरी तरह से कृतसंकल्पित हो जाये तो क्या किसी अभिभावक की हिम्मत है की ओ डॉ की बात न माने.
ravishankarवही अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में लक्ष्मीदास जी ने कहा कि हमारे देश के स्वास्थ्य मंत्रालय का नाम ट्रीटमेंट मंत्रालय कर दिया जाना चाहिए. क्योकि यहाँ स्वास्थय की कम ट्रीटमेंट की ज्यादा चर्चा होती है. इस पूरे आयोजन को संरक्षण देने वाले गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के निदेशक दीपंकर श्री ज्ञान ने देश के स्वास्थ्य की बिगड़ती हालत पर चिंता जाहिर की.
स्वस्थ भारत (न्यास) के ब्रांड अम्बेसडर एवरेस्ट विजेता नरिंदर सिंह ने अपने जीवन संघर्ष को साझा करते हुए बेटी बचाने के अपने संकल्प को दुहराया. गौरतलब है की डॉ नरिंदर सिंह की अगुवाई में 8 सदस्यीय अंडरवाटर साइक्लिंग टीम ने स्वस्थ भारत के बैनर तले बेटी बचाओ एवं पर्यावरण बचाने का सन्देश देने के लिये इसी वर्ष जनवरी में समुद्र के नीचे जाकर साईकिल चलाया था. इस कारनामे को यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह मिला है.
sangeeta-sinhaइस परिसंवाद की खास बात यह रही की इसमें बोलने, सुनने और करने वाले ज्यादातर युवा थे. हावर्ड से पब्लिक हेल्थ में मास्टर डीग्री हासिल कर लौटी डॉ अनन्या अवस्थी ने परिसंवाद के शुरू में ही अपनी बात रखते हुए कई सुझाव दिए.उनका मानना था कि आंगनवाड़ी जैसी ब्यवस्थाओं को और कौशलयुक्त एवं सूचनापरक बनाया जाये. स्वस्थ भारत न्यास के रविशंकर ने विषय प्रवेश कराते हुए, इस विषय की परिकल्पना, इसके विस्तार क्षेत्र को सूक्त शब्दों में रखा. वही न्यास के चेयरमैन आशुतोष कुमार सिंह ने स्वस्थ क्षेत्र में किये गए अपने प्रयासों को साझा करते हुए कहा कि न्यास इस विषय को समाधानपरक बनाने की हर संभव कोशिश करेगा. वही धीप्रज्ञ द्विवेदी ने इस विषय को देश के हर कोने में ले जाने की घोषणा की और इस मुहीम में सभी को जुड़ने का आह्वान किया.
कार्यक्रम का संचालन कर रहीं आकाशवाणी की समाचार वाचिका अलका सिंह ने इस विषय को बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत किया. बीच-बीच में अपनी कविताओं से उन्होंने इस विषय को गति प्रदान करने का काम किया. गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के टैगोर हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में देश के वरिष्ठ पत्रकार, रंगकर्मी, फार्मासिस्ट, डॉक्टर, समाजसेवी सहित सभी रंगों के बुद्धिजीवियों की उपस्थिति ने इस परिसंवाद को सार्थक बना दिया.

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