नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। जनभागीदारी के साझा प्रयास से अगले दो साल में टीबी मुक्त भारत बनाने का लक्ष्य है। यानी एसडीजी 2030 के लक्ष्य से पांच साल पहले। इस दिषा में आज 71 हजार से अधिक निक्षय मित्र 10 लाख से अधिक टीबी रोगियों की सहायता कर रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने पार्टनरशिप एक्शन अगेन्स्ट ट्यूबरक्लोसिस (PACT) शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह कही। उन्होंने इस मौके पर टीबी के संबंध में जागरूकता संदेशों वाले 75 ट्रकों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
निक्षय मित्र से मिल रही बड़ी मदद
उन्होंने बताया कि भारत का अपना स्वास्थ्य सेवा मॉडल साझा सामाजिक और राष्ट्रीय उत्तरदायित्वों से युक्त है। अन्य हितधारकों के सहयोग का लाभ उठा राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की सहायता करने में बहु-क्षेत्रीय संपर्क एक प्रमुख स्तंभ है। केवल अपने साझा प्रयासों और सहयोग से ही हम 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि निक्षय मित्र टीबी रोगियों को केवल वित्तीय और पोषण संबंधी सहायता ही प्रदान नहीं करते, बल्कि निक्षय मित्र पोर्टल पर उनके साथ निजी रूप से जुड़कर उनकी समग्र भलाई भी सुनिश्चित करते हैं।
19 राज्यों में हीरोज ऑन व्हील्स
डॉ. मांडविया ने क्षय रोग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अपोलो टायर्स फाउंडेशन द्वारा देश के 19 राज्यों में 32 स्थानों पर हीरोज ऑन व्हील्स (ट्रक ड्राइवर्स) और अन्य कमजोर समूहों को जोड़कर टीबी मुक्त भारत अभियान को तेज करने के अभिनव तरीके की सराहना की। उन्होंने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत 75 टीबी रोगियों को भी गोद लिया है। इस बात पर गौर करते हुए कि ट्रक चालक टीबी रोगियों का एक महत्वपूर्ण समूह हैं, डॉ. मांडविया ने कहा कि समय पर परीक्षण, पूरा उपचार कराने आदि के माध्यम से टीबी की रोकथाम और नियंत्रण के बारे में जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण है।