UNGA की बैठक में भारत ने भी दिखायी प्रतिबद्धता
नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में वैश्विक नेताओं ने 2030 तक बैक्टीरियल एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) से जुड़ी अनुमानित 4.95 मिलियन मानव मौतों को 10 प्रतिशत तक कम करने की प्रतिबद्धता जताई। AMR पर उच्च स्तरीय बैठक ने एक राजनीतिक घोषणा को भी मंजूरी दी, जिसमें स्पष्ट लक्ष्यों और कार्यों के लिए प्रतिबद्धता जताई गई।भार के प्रतिनिधि के रूप में स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी भारत की ओर से इस प्रतिबद्धता को अपना समर्थन दिया।
100 मिलियन डॉलर की जरूरत
रिपोर्ट के अनुसार घोषणा में स्थायी राष्ट्रीय वित्तपोषण और उत्प्रेरक निधि में 100 मिलियन डॉलर की मांग की गई है, ताकि 2030 तक एएमआर पर राष्ट्रीय कार्य योजनाओं को वित्तपोषित करने वाले कम से कम 60 प्रतिशत देशों के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिल सके। बैठक में शामिल वैश्विक चैंपियनों में बारबाडोस की प्रधानमंत्री मिया मोटली, एएमआर से पीड़ित लोग, नागरिक समाज और दुनिया भर के हितधारक संगठन शामिल थे। एएमआर तब होता है जब बैक्टीरिया, वायरस, कवक और परजीवी दवाओं के प्रति प्रतिक्रिया नहीं करते हैं, जिससे संक्रमण का इलाज मुश्किल या असंभव हो जाता है, जिससे बीमारी फैलने, गंभीर बीमारी और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।
प्रतिबद्धता के साथ खड़ा है भारत : पटेल
सम्मेलन में उपस्थित भारत की केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री, श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा रोगाणुरोधी प्रतिरोध के खतरे से जल्द से ज्लद से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला। श्रीमती पटेल ने कहा कि यह वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा है, जो आधुनिक चिकित्सा के क्षेत्र में हुए दशकों की प्रगति को कमजोर कर रहा है। केंद्रीय मंत्री ने भारत में अप्रैल, 2017 में राष्ट्रीय कार्य योजना (NAP AMR) की शुरूआत के बाद से एएमआर से निपटने की दिशा में देश की महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला।